''पाकिस्तान न जाए एक भी बूंद पानी'', सिंधु जल संधि खत्म करने का प्लान तैयार: अमित शाह की बैठक में बड़ा फैसला

punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 11:10 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत सरकार ने सिंधु नदी जल समझौते को तोड़ दिया है और इस बात की तैयारी शुरू कर दी है कि पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसा दिया जाए। इस मामले को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बैठक की है। यह निर्णय कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की हत्या के बाद लिया गया है। भारत ने पाकिस्तान पर इस हमले में शामिल आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है, जिसे पाकिस्तान ने नकारा है।​

बैठक में लिए गए निर्णय: 
गृह मंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान को सिंधु नदी का एक भी बूंद पानी नहीं दिया जाएगा। बैठक में सिंधु नदी के पानी को रोकने के लिए त्वरित, मध्यकालीन और दीर्घकालीन उपायों पर चर्चा की गई।​

पानी की आपूर्ति रोकने के उपाय:

सिंधु नदी की सिल्ट हटाने और ड्रेजिंग: सिंधु नदी की सिल्ट हटाने और ड्रेजिंग की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी ताकि पानी की आपूर्ति को नियंत्रित किया जा सके।​

पानी का डायवर्जन: सिंधु नदी के पानी को अन्य नदियों में डायवर्ट करने की योजना बनाई जाएगी, जिससे पाकिस्तान तक पानी की आपूर्ति रोकी जा सके।​

नए बांधों का निर्माण: सिंधु नदी पर नए बांधों का निर्माण किया जाएगा ताकि पानी की आपूर्ति को नियंत्रित किया जा सके और सिंचाई के लिए पानी का उपयोग बढ़ाया जा सके। 

पाकिस्तान को आधिकारिक सूचना 
इससे पहले जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान को पत्र लिखकर सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित रखने की जानकारी दी थी। पत्र में बताया गया कि यह निर्णय भारत द्वारा पहले भेजे गए नोटिसों और अनुच्छेद 12(3) के तहत संधि में संशोधन की मांग पर आधारित है। भारत का कहना है कि बदलती जनसंख्या, ऊर्जा आवश्यकताएं और जल वितरण से जुड़े अनुमान अब पहले जैसे नहीं रहे, इसलिए संधि की शर्तों की पुनः समीक्षा जरूरी हो गई है।


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Content Writer

Pardeep

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