एक्सप्रेसवे पर बिना रुके कटेगा टोल, AI करेगा गाड़ी की पहचान! गडकरी ने संसद में बताया पूरा प्लान
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 05:54 AM (IST)
नेशनल डेस्कः अब हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर और भी आसान होने वाला है। आने वाले समय में आपकी कार को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) खुद आपकी गाड़ी पहचान कर ऑटोमैटिक टोल काट लेगा। राज्यसभा में बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम (MLFF) और AI आधारित हाईवे मैनेजमेंट सिस्टम को पूरे देश में 2026 के अंत तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
टोल प्लाजा पर इंतजार होगा खत्म
प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि यह नई तकनीक पूरी तरह AI आधारित होगी। टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारें खत्म होंगी और यात्रियों को अब मिनटों तक रुकने की मजबूरी नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के लागू होने से करीब 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी। सरकार के राजस्व में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी।
पहले कैश, फिर फास्टैग… अब AI टोलिंग
गडकरी ने संसद में बताया कि टोल वसूली का सफर कैसे बदला है—
पहले टोल पर भुगतान में 3 से 10 मिनट लगते थे। फास्टैग आने के बाद यह समय घटकर 60 सेकंड से भी कम हो गया। फास्टैग से सरकार की आमदनी में करीब 5,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। अब MLFF सिस्टम आने के बाद फास्टैग की जगह नई तकनीक लेगी। गाड़ियां 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टोल पार कर सकेंगी और किसी भी वाहन को रोका नहीं जाएगा।
सैटेलाइट और AI से होगी गाड़ी की पहचान
नितिन गडकरी ने बताया कि नई व्यवस्था में सैटेलाइट टेक्नोलॉजी, AI आधारित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली और फास्टैग जैसी डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य टोल पर प्रतीक्षा समय को शून्य मिनट तक लाना है।”
2026 तक 100% लागू होगा सिस्टम
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि—
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2026 तक यह सिस्टम देशभर में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
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टोल चोरी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
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सिस्टम पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होगा।
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लोगों का यात्रा समय काफी कम हो जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्गों तक सीमित रहेगी जिम्मेदारी
गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार केवल राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) के लिए जिम्मेदार है। राज्य राजमार्गों और शहर की सड़कों की जिम्मेदारी राज्यों और स्थानीय निकायों की होती है। उन्होंने कहा कि कई बार सोशल मीडिया पर राज्य या शहर की सड़कों की समस्याओं को गलत तरीके से राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ दिया जाता है।
लक्ष्य: पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त टोल सिस्टम
अंत में गडकरी ने कहा कि सरकार का मकसद है- टोल वसूली में पारदर्शिता, भ्रष्टाचार का पूरी तरह खात्मा और आम लोगों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा देना।
