करारी हार के बावजूद भी नहीं सुधरा PAK, लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ संग दिखे पाकिस्तान के पंजाब विधानसभा अध्यक्ष
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 01:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क : हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब विधानसभा अध्यक्ष मलिक अहमद खान एक रैली में आतंकियों के साथ नजर आए, जिससे यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान में सरकार और आतंकियों के बीच की दूरी कम होती जा रही है। इस रैली में लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी और आतंकी संगठन के नेता हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद भी मंच पर एक साथ मौजूद थे।
पत्रकारों के सवाल पर स्पीकर का बचाव
जब पत्रकारों ने मलिक अहमद खान से इस मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने सैफुल्लाह कसूरी का बचाव किया। स्पीकर ने कहा कि कसूरी पर अभी जांच पूरी नहीं हुई है, इसलिए उसे दोषी नहीं माना जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उनका कसूर शहर से व्यक्तिगत संबंध है, इसीलिए वह इस रैली में शामिल हुए थे।
रैली में आतंकी का जोरदार स्वागत और भारत विरोधी नारे
रैली का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें सैफुल्लाह कसूरी को अमेरिकी हथियारों से लैस गार्ड्स के साथ आते देखा जा सकता है। उन्हें 'भारत का विजेता' कहते हुए फूलों से सम्मानित किया गया। इस रैली में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कड़े और भड़काऊ बयान दिए गए। आतंकियों ने 1971 की हार का बदला लेने का दावा भी किया।
1971 की हार का बदला लेने का दावा
सैफुल्लाह कसूरी और मज़म्मिल हाशमी ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश में भारत के खिलाफ जीत हासिल की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके विरोध प्रदर्शन की वजह से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी।
मोदी को खुली धमकी, मिसाइलों और गोलियों का मजाक उड़ाया
28 मई को गुजरांवाला में हुई एक रैली में मज़म्मिल हाशमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी। उन्होंने कहा, 'मोदी, तुम हमें गोली से डराते हो, लेकिन हमारे बच्चे तेरी मिसाइलों से नहीं डरे, तो हम तेरी गोली से कैसे डरेंगे?'
कसूरी ने 10 मई को लिया बदला
राहिम यार खान की रैली में सैफुल्लाह कसूरी ने कहा कि जब वह चार साल के थे, तब 1971 में पाकिस्तान टूट गया था। उन्होंने कहा, 'इंदिरा गांधी ने कहा था कि दो-राष्ट्र सिद्धांत खत्म हो गया, लेकिन हमने 10 मई को इसका बदला ले लिया।'
भारतीय एयर स्ट्राइक में मारे गए साथी आतंकी पर कसूरी का दुख
कसूरी ने बताया कि मुरिदके में भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक में उसका साथी मुदस्सिर मारा गया था। भावुक होकर बोला, 'मैं उसके अंतिम संस्कार में नहीं जा सका और उस दिन मैं बहुत रोया।'
भारत के लिए गंभीर खतरा
इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों को खुला राजनीतिक समर्थन मिल रहा है। सरकार के उच्च अधिकारी आतंकियों के साथ एक ही मंच पर नजर आ रहे हैं। यह स्थिति भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा है क्योंकि आतंकवादी अब खुलेआम अपने इरादे जाहिर कर रहे हैं और उन्हें राजनीतिक संरक्षण भी मिल रहा है।