10 लाख में से किसी एक को होती है ये बीमारी, रोबोट ने बचाई जान

punjabkesari.in Tuesday, May 08, 2018 - 07:59 PM (IST)

वाशिंगटनः भारतीय मूल के एक सर्जन की अगुवाई में विश्व में रोबोट के जरिए पहली सर्जरी की गई। इसमें एक मरीज की गर्दन से दुर्लभ किस्म के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया। कॉर्डोमा कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है जो खोपड़ी और रीढ़ की हड्डी में होता है। कॉर्डोमा का ट्यूमर बहुत धीरे - धीरे गंभीर रूप अख्तियार करता है और कई वर्षों तक इसका कोई लक्षण देखने को नहीं मिलता ।

अमेरिका के 27 वर्षीय नोआ र्पिनकॉफ 2016 में एक कार हादसे में जख्मी हो गए थे। मामूली चोट से उबरने के बाद उनके गर्दन में काफी दर्द होने लगा था। इसके बाद एक्सरे कराया गया, जिसमें उसके गर्दन में चिंतनीय क्षति का पता चला। ये जख्म दुर्घटना से संबंधित नहीं थे और उन्हें लगी चोट की तुलना में बहुत अधिक चिंता पैदा करने वाले थे। इसके बाद उस स्थान की बॉयोप्सी की गई। इसमें व्यक्ति के कॉर्डोमा से पीड़ित होने की बात निकलकर सामने आई।

10 लाख में से किसी एक को होती है ये बीमारी
र्पिनकॉफ ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुशनसीब हूं कि उन्होंने बहुत पहले इसका पता लगा लिया। बहुत से लोगों में इसका पता जल्द नहीं लग पाता है और इस कारण शीघ्र उपचार भी मुमकिन नहीं हो पाता है।’’ कॉर्डोमा के इलाज के लिए सर्जरी सबसे उपयुक्त विकल्प होता है लेकिन र्पिनकॉफ के मामले में यह बहुत मुश्किल था। ऐसे में उनके पास प्रोटोन थेरिपी का दूसरा विकल्प सामने था। कॉर्डोमा काफी दुर्लभ है। हर साल दस लाख लोगों में कोई एक इससे प्रभावित होता है। र्पिनकॉफ के मामले में कॉर्डोमा सी 2 कशेरुका में था। यह और भी दुर्लभ है और इसका उपचार चुनौतीपूर्ण होता है।

अमेरिका के पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के अस्पताल में पिछले साल अगस्त में र्पिनकॉफ की रोबोट के जरिए सर्जरी हुई। रोबोट का इस्तेमाल तीन चरणों में की गई सर्जरी के दूसरे हिस्से में किया गया। सहायक प्रोफेसर नील मल्होत्रा की अगुवाई वाली टीम ने यह सर्जरी की। र्पिनकॉफ की सर्जरी तीन चरणों में हुई। पहले दौर में न्यूरोसर्जन ने मरीज के गर्दन के पिछले हिस्से में ट््यूमर के पास रीढ़ की हड्डी को काट दिया ताकि दूसरे चरण में ट्यूमर को मुंह से निकाला जा सके।  
 


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Yaspal

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