क्यों ट्रंप की रैलियां हो जाती हैं हिंसा का शिकार

punjabkesari.in Thursday, May 26, 2016 - 08:16 PM (IST)

कामयाबी की ओर तेजी से बढ़ते हुए, जोशीलेे भाषण देने और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले अमरीकी राष्ट्रपति पद के सबसे विवादित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की कई रैलियां हिंसा और हंगामे की भेंट चढ़ चुकी हैं। इसके बारे में अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि ट्रंप ने चुनावी सभाओं के दौरान महिलाओं और अल्पसंख्यकों के बारे अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। उनहोंने ट्रंप के बयानों को विभाजनकारी बताया है। ओबामा ने चिंता जताई कि इससे अमरीका की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। ट्रंप की सभाओं में हो रही हिंसा को इसका जवाब है।

इससे पहले मार्च में ट्रंप की शिकागो में रैली को लेकर इतना जबरदस्त हंगामा हुआ था कि उसे स्थगित करना पड़ा। रैली शुरू होने से पहले सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी  बाहर इकट्ठा हो गए जबकि ऑडिटोरियम में हिंसक झड़पें भी हुई। कुछ ट्रंप समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों से झंडे छीनने की कोशिश की और झड़पों की शुरुआत हो गई। अधिकतर प्रदर्शन कुछ मुट्ठीभर लोगों ने किए थे जिन्हें आयोजनस्थल से बाहर निकाल दिया गया था। यह अब तक का सबसे बड़े स्तर का विरोध प्रदर्शन था। ट्रंप अपने विवादास्पद बयानों के कारण सुखिर्यों में और आलोचना का केंद्र बने हुए हैं।

क्या हैं मुख्य कारण

डोनाल्ड ट्रंप का विरोध होने के कारण झगड़ालू, निराशाजनक और भद्दे बयानों का इस्तेमाल किया जाने से भीड़ बेकाबू हुई। दूसरी ओर, ट्रंप ने अपनी जनसभाओं में स्थिति को बिगाड़ने के लिए बर्नी सैंडर्स के समर्थकों, राष्ट्रपति बराक ओबामा और मीडिया को दोषी ठहराया। इन्हें शिकागो का ठग तक कह दिया।

पिछले ही महीने अप्रैल में डोनाल्ड ट्रंप की कैलिफोर्निया में हुई रैली को हिंसा का सामना करना पड़ा। हजारों प्रदर्शनकारियों ने विरोध-प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने में पुलिस ने काफी मशक्कत की। रैली से निकल रहे ट्रंप समर्थकों और सड़क पर खड़े ट्रंप विरोधियों के बीच झड़प हुई। ट्रंप को नस्लवादी बताया गया। उन पर समाज के विभाजन का भी आरोप लगाया गया। कहा गया कि ट्रंप ने मैक्सिको, मुस्लिम और अप्रवासी समूहों में समाज को बांट दिया है। 

लोगों ने यहां तक कहा कि जॉर्ज डबल्यू बुश और ओबामा ने आठ—आठ सालों तक देश को नियंत्रित रखा, लेकिन ट्रंप इन 8 महीनों में स्थिति नहीं संभाल पा रहे हैं। इसी महीने कुल मिलाकर 5, मार्च में 6, फरवरी में 1 बार हिंसक झड़प हुईं। जनवरी के महीना में छिटपुट घटनाएं हुईंं, लेकिन दिसंबर 2015 में 3, नवंबर में 1, अक्टूबर में 2 बार जमकर हंगामा हुआ। कुछ लोगों ने यह तक कह दिया कि ट्रंप यदि अमरीका के राष्ट्रपति बने तो उन्हें बड़े पैमाने पर जनआक्रोश सहना पड़ेगा। कहीं ऐसा न हो कि ट्रंंप का अमरीका गुस्सैल बन जाए। 

क्या ट्रंप स्वयं उकसाते हैं

ट्रंप का विरोध करने वालों के साथ मारपीट आम बात है। उसके समर्थक यहां तक कह देते हैं कि अगली बार आए तो वे उसे जान से मार देंगे। ट्रंप इसके लिए उन्हें रोक नहीं रहे हैं, वे इसे हल्के में ले लेते हैं। कह देते हैं कि हिंसा फैलाने वालों को वह माफ नहीं कर सकते। जबकि इसका कड़ा विरोध किया गया कि डोनाल्ड ट्रंप अपने विरोधियों को पिटता हुआ देखना चाहते हैं। वे इस काम के लिए अपने समर्थकों को उकसाते हैं।

फरवरी में आइयोवा में आयोजित रैली में ट्रंप ने आपत्तिजनक बात कह दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि आपको कोई टमाटर फेंकने को तैयार दिखे तो तुरंत उसे धक्का दे दो। वह इस मामले में गंभीर हैं और वादा करते हैं कि कानूनी लड़ाई में खर्च होने वाली सारी फीस अदा कर देंगे। न्यू हैमस्फायर की रैली का जिक्र करना यहां उचित रहेगा कि जब वहां कुछ विरोधियों ने ट्रंप के खिलाफ नारेबाजी शुरू की तो उ्न्होंने खुद भाषण सुनने आए लोगों से कहा कि विरोध करने वालों को पकड़ें और बाहर फेंक दें। क्या इसका यह अर्थ लगाया जाए कि समर्थक उनके इशारे पर हिंसा फैलाते हें?

ट्रंप के सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों ने मीडिया वालों को भी नहीं बख्शा। उन्होंने फोटोग्राफरों और रिपोर्टरों के साथ बुरा व्यवहार किया। इसमें ट्रंप के चुनाव अभियान के मैनेजर भी शामिल थे। जब सीएनएन के एक पत्रकार ने उनसे इस पर आयोजित चर्चा के दौरान पूछा तो ट्रंप ने जवाब दिया कि उनकी रैली में 25 से 30 हजार लोग होते हैं।  

उनमें देश के प्रति लगाव, उत्साह और प्रेम होता है। हिंसा की घटनाओं से उन्होंने साफ इंकार कर दिया और कहा कि लोगों में यहां फैली अव्यवस्था के प्रति गुस्सा है। लोगों को अमरीका के व्यापारिक समझौते, बड़े-बड़े टैक्स, नौकरियां छीने जाने को लेकर नाराजगी है। ऐसी परिस्थितियां पैदा करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा।  

इसे एक लहर कहा जा सकता है कि विरोधी ट्रंप की रैली का इंतजार करते हैं और तुरंत वहां पहुंच जाते हैं। बताया जाता है​ कि कोई रैली में रुकावट डाले ट्रंप को यह बिल्कुल पंसद नहीं है। इसलिए पहले से तैयार उसके समर्थक विरोधियों से भिड़ने के लिए आ जाते हैं। इस दौरान अत्यधिक विरोध हिंसा को जन्म देता है।


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