बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के लिए अब माता-पिता को बताना होगा धर्म
punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 09:01 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बच्चे के जन्म के पंजीकरण के लिए नए नियम तय किए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय के तैयार किए गए मॉडल नियमों के अनुसार, बच्चे के जन्म का पंजीकरण करते समय पिता और मां दोनों के धर्म को अलग-अलग दर्ज किया जाएगा। इस नियम को राज्य सरकारों की ओर से नोटिफाई किया जाएगा। पहले जन्म रजिस्टर करते समय केवल परिवार का धर्म दर्ज किया जाता था, अब जो प्रस्तावित "फॉर्म नंबर 1-जन्म रिपोर्ट" है उसमें धर्म वाले कॉलम का विस्तार किया जाएगा इसमें अब पिता का धर्म और मां का धर्म भी बताना होगा।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक क्या है?
एक अगस्त को संसद के निचले सदन लोकसभा में जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2023 पारित हो गया था। वर्तमान में जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के जरिए जन्म और मृत्यु के पंजीकरण किया जाता है। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है। इसका मतलब है कि संसद और राज्य विधानसभाएं दोनों इस विषय पर कानून बनाने के लिए सक्षम हैं। 2019 तक, जन्म के पंजीकरण का राष्ट्रीय स्तर 93 फीसदी था और मृत्यु पंजीकरण 92 फीसदी था। विधि आयोग (2018) ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में विवाह पंजीकरण को शामिल करने की सिफारिश की थी।
राष्ट्रीय स्तर पर होगा जन्म और मृत्यु डाटाबेस
संशोधित अधिनियम के मुताबिक जन्म और मृत्यु डाटाबेस को राष्ट्रीय स्तर पर मेंटेन किया जाएगा और इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर.) के लिए किया जा सकता है , मतदाता सूची, आधार संख्या, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, ऐसे अन्य डाटाबेस को अपडेट करने के लिए भी किया जा सकता है। इस कानून से जन्म प्रमाण पत्र एक ऐसा जरूरी दस्तावेज होगा जिसके जरिए सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। नए कानून से देश में जन्म तिथि और जन्म स्थान को साबित करने के लिए तमाम दस्तावेजों को दिखाने से बचा जा सकेगा।