Raja Raghuvanshi property: कानूनी रूप से अब भी राजा की विधवा मानी जाएगी सोनम! क्या मिलेगा संपत्ति में हक?

punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 08:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मेघालय में राजा रघुवंशी की हत्या के बाद देशभर में हड़कंप मच गया। हत्या का आरोप किसी बाहरी पर नहीं, बल्कि खुद उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी पर लगा है। शादी को अभी महज 28 दिन ही हुए थे, और अब सोनम हत्या के आरोपों के घेरे में है। इस मामले ने कानूनी और सामाजिक बहस को भी जन्म दिया है — अगर सोनम दोषी साबित होती हैं, तो क्या वे पति की संपत्ति में हकदार रहेंगी?

यह सवाल न सिर्फ इस केस से जुड़ा है, बल्कि ऐसे सभी मामलों में कानूनी मिसाल पेश करता है। आइए जानते हैं कि भारतीय कानून इस पर क्या कहता है।

 कानून कहता है — अपराध से नहीं मिल सकता फायदा

भारतीय उत्तराधिकार कानून यानी Hindu Succession Act, 1956 के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो वारिस होने के साथ-साथ हत्या जैसे अपराध में लिप्त हो, वो मृतक की संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं बन सकता।

 धारा 25-अगर कोई व्यक्ति किसी की हत्या करता है, तो वो उसकी संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं माना जाएगा।

 धारा 27-यह धारा भी साफ करती है कि अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर अपराध में शामिल पाया जाता है, तो वह संपत्ति के अधिकार से वंचित होगा।

इसका मतलब: अगर अदालत में यह साबित हो गया कि सोनम ने राजा की हत्या की या उसमें सक्रिय भूमिका निभाई, तो वह राजा की न तो कमाई से अर्जित संपत्ति की अधिकारी होगी और न ही पैतृक संपत्ति की।

राजा की संपत्ति के प्रकार

  1. स्व-निर्मित संपत्ति: जो राजा ने अपने काम और मेहनत से अर्जित की थी।

  2. पैतृक संपत्ति: जो उन्हें परिवार से विरासत में मिली थी।

यदि सोनम दोषी साबित होती हैं, तो दोनों ही प्रकार की संपत्तियों में उनका कानूनी अधिकार समाप्त हो जाएगा।

 क्या सिर्फ आरोप लगने से संपत्ति का हक खत्म हो जाता है?

नहीं। जब तक अदालत सोनम को दोषी करार नहीं देती, तब तक वह कानूनी रूप से राजा की विधवा मानी जाएंगी और उनकी संपत्ति में हिस्सा रखने की अधिकारी रहेंगी। सिर्फ पुलिस की जांच या एफआईआर से उनके अधिकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

 अगर साजिश की जानकारी थी, पर हत्या नहीं की?

यह स्थिति थोड़ी जटिल हो जाती है। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि अगर किसी को हत्या की साजिश की जानकारी थी, फिर भी उसने उसे रोका नहीं — तो ऐसी स्थिति में भी धारा 25 लागू हो सकती है। लेकिन अंतिम निर्णय अदालत के विवेक पर निर्भर करता है।

 अगर सोनम बरी हो जाती हैं?

अगर अदालत यह तय करती है कि सोनम हत्या में शामिल नहीं थीं, या उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं, तो उन्हें राजा की विधवा के रूप में मान्यता दी जाएगी। इस स्थिति में वे उनकी संपत्ति में पूर्ण अधिकार की अधिकारी होंगी।


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Content Writer

Anu Malhotra

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