NO NRI Groom! ट्रंप के 'H-1B वीज़ा बम'के बाद जमीन पर आई NRI दूल्हों की डिमांड, ₹88 लाख की फीस ने तोड़ा भारतीयो का सपना!
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 12:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले 'H-1B वीज़ा बम' फोड़ा था। ट्रंप के इस बड़े बदलाव का साइड इफेक्ट भारत में दिखना शुरु हो चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप प्रशासन द्वारा H-1B वीज़ा की फीस में की गई भारी बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में कार्यरत NRI दूल्हों की मांग भारत में कम हो गई है। जो भारतीय परिवार अब तक अपने बच्चों के लिए अमेरिका में बसे जीवनसाथी की तलाश की थी, उन्हें अब ट्रंप की सख्त नीतियों के कारण ऐसे NRI की नौकरी पर संकट आने का डर सता रहा है, जिसके चलते वे अपना शादी का प्लान बदल रहे हैं।
क्या है ट्रंप का 'H-1B वीज़ा बम'?
H-1B वीज़ा एक गैर-आवासीय अमेरिकी वीज़ा है, जो अमेरिकी कंपनियों को टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे ख़ास सेक्टरों में विदेशी कर्मचारियों को हायर करने की अनुमति देता है।
- ट्रंप के नए नियम में अमेरिकी कंपनियों को किसी विदेशी कर्मचारी की एंट्री या दोबारा एंट्री के लिए हर H-1B एप्लीकेशन पर 1 लाख डॉलर (करीब ₹88 लाख) का भारी-भरकम चार्ज लगाने का ऐलान किया गया था।
- यह फैसला भारत के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि अमेरिका में H-1B वीज़ा पर काम करने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज़्यादा है (FY24 में स्वीकृत कुल H-1B वीज़ा लाभार्थियों में से 71% भारतीय थे)।
इस नियम पर मचे बवाल के बाद व्हाइट हाउस ने बाद में यह स्पष्ट किया था कि यह भारी फीस केवल नए आवेदनों पर लागू होगी, न कि मौजूदा वीज़ा धारकों या वीज़ा रिन्यूअल पर।
डिमांड घटने का कारण
व्हाइट हाउस द्वारा इस पर सफाई देने के बाद भी भारत में इसका असर साफ दिख रहा है। खास तौर पर वे परिवार डरे हुए हैं, जो अपने बच्चों की शादी NRI से करने का सपना देख रहे थे। मैचमेकरों और विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की सख्त immigration policies खासकर H-1B वीज़ा फीस में बढ़ोतरी, भारतीय परिवारों को अमेरिका में रहने वाले लोगों से शादी करने के लिए कम उत्साहित कर रही हैं। कई भारतीयों के लिए अमेरिका में बसे किसी भारतीय मूल के व्यक्ति से शादी करना आर्थिक सुरक्षा की गारंटी की धारणा तेज़ी से कमजोर हो रही है। मैचमेकिंग कंपनियों के अनुसार बीते कुछ सालों तक NRI दूल्हों का जो जबरदस्त क्रेज था, वह ट्रंप के फैसलों के बाद घट गया है। यहाँ तक कि कुछ परिवार तो अब NRI दूल्हों से शादियों को टाल भी रहे हैं।
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मैचमेकिंग कंपनियों ने उठाया कदम
इस बढ़ती चिंता को देखते हुए कुछ मैचमेकिंग सेवाओं ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर बदलाव किए हैं:
- प्रीमियम मैचमेकिंग ऐप नॉट.डेटिंग ने हाल ही में एक 'अमेरिकन वीज़ा फ़िल्टर' शुरू किया है।
- यह फ़िल्टर परिवारों को वीज़ा स्थिति के आधार पर संभावित NRI पार्टनर की जाँच करने की सुविधा देता है।
- इस सुविधा के बाद से लगभग 1,000 अनिवासी भारतीयों ने साइन अप किया है, जिनमें से 60% H-1B वीज़ा धारक हैं।
अमेरिका में लगभग 21 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिन्हें लंबे समय से शादी के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता रहा है, लेकिन अब यह सोच बदलने लगी है।