US Visa Alert: 5 साल की सोशल मीडिया हिस्ट्री दिखाओ… तभी मिलेगा US वीज़ा! 42 देशों की लिस्ट में चेक करें अपने देश का नाम
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 01:53 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: USA जाने का प्लान बनाने वालों के लिए एक बड़ी और जरुरी खबर सामने आई है। US Department of Homeland Security (DHS) ने एक ऐसा नया प्रस्ताव पेश किया है, जो आपकी यात्रा को प्रभावित कर सकता है। इस प्रस्ताव के तहत Visa Waiver Program में शामिल 42 देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फॉर ट्रैवल अथॉराइजेशन (ESTA) आवेदन में अब अनिवार्य रूप से अपनी पिछले 5 साल की सोशल मीडिया हिस्ट्री देनी होगी।
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राष्ट्रीय सुरक्षा है प्रस्ताव की वजह
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने इस प्रस्ताव की मुख्य वजह राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना बताया है। विभाग का मानना है कि सोशल मीडिया हिस्ट्री की जाँच से यह पता लगाया जा सकेगा कि क्या कोई व्यक्ति अमेरिका के लिए संभावित खतरा बन सकता है या नहीं। यह प्रस्ताव 'Federal Register' में प्रकाशित हो चुका है और इस पर सार्वजनिक टिप्पणियाँ देने के लिए 9 फरवरी 2026 तक का समय दिया गया है। US Customs and Border Protection (CBP) का कहना है कि इस कदम से यात्रियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया और अधिक मजबूत होगी।
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कौन सी डिटेल्स करनी होंगी शेयर?
यह बदलाव लागू होने पर यात्रियों को ESTA आवेदन में कई संवेदनशील जानकारियाँ साझा करनी होंगी। अब सोशल मीडिया जानकारी देने को आप अनदेखा नहीं कर सकते, ऐसा करने पर आवेदन रिजेक्ट भी हो सकता है।
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ये जानकारी शेयर करना होगा जरूरी
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पिछले 5 साल के सोशल मीडिया अकाउंट्स (यूज़रनेम/हैंडल) की जानकारी
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पिछले 5 साल के फ़ोन नंबर और 10 साल के ईमेल एड्रेस।
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अन्य डिटेल्स में आईपी एड्रेस, बायोमेट्रिक डेटा (चेहरा और फिंगरप्रिंट) जैसी जानकारी शामिल है।
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इन सबके अलावा परिवारिक जानकारी में निकटतम परिवार सदस्य जैसे पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता की जन्म तिथि, जन्मस्थान, निवास और फ़ोन नंबर देना जरुरी होगा।
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मोबाइल ऐप के माध्यम से सेल्फी शेयर करना भी अनिवार्य होगा।
किन 42 देशों पर पड़ेगा प्रभाव?
यदि यह नियम अमेरिका में लागू होता है, तो इसका सीधा प्रभाव उन 42 देशों के यात्रियों पर पड़ेगा जो अमेरिकी वीज़ा वेवर प्रोग्राम में शामिल हैं। इन देशों में मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, क्रोएशिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, तो इसका सीधा प्रभाव उन 42 देशों के यात्रियों पर पड़ेगा जो अमेरिकी वीज़ा वेवर प्रोग्राम में शामिल हैं। इन देशों में मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, क्रोएशिया, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, कतर, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, यूके, इज़राइल, हॉन्गकॉन्ग आदि देश शामिल हैं।
