रामेश्वर कैफे ब्लास्ट केस में NIA ने चार आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट, किया बड़ी आतंकी साजिश का भंडाफोड़
punjabkesari.in Monday, Sep 09, 2024 - 06:13 PM (IST)
बेंगलुरुः केंद्रीय जांच एंजेसी एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ सोमवार को चार्जशीट दाखिल किया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि चार्जशीट में नामजद आरोपियों मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को पहले गिरफ्तार कर लिया गया था और वर्तमान में वे मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। बयान में कहा गया है कि ताहा और शाजिब को उनके आका ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए धन मुहैया कराया था। एनआईए की जांच में पता चला है कि आरोपियों ने इस धन का इस्तेमाल बेंगलुरु में हिंसा की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया था।
बयान में कहा गया है, ‘‘इनमें 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन, बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय पर विफल आईईडी हमला भी शामिल है, जिसके बाद दो प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।'' चार्जशीट बेंगलुरु की एक विशेष एनआईए अदालत में दाखिल किया गया। इस साल एक मार्च को बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था। एनआईए ने तीन मार्च को मामले की जांच शुरू की और विभिन्न राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में कई तकनीकी जांच की।
जांच से पता चला कि शाजिब ही वह व्यक्ति था, जिसने बम रखा था। एनआईए के बयान में कहा गया है कि शाजिब और ताहा अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद 2020 से फरार थे। एनआईए द्वारा व्यापक तलाशी के बाद रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उनके ठिकाने से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी ने कहा कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले के रहने वाले ये दोनों लोग आईएसआईएस के कट्टरपंथी थे। वे भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस की विचारधारा से जोड़ने में सक्रिय रूप से शामिल थे तथा माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थे।
बयान में कहा गया है, ‘‘ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से प्राप्त भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल किया और डार्क वेब से डाउनलोड किए गए विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था।'' जांच में यह भी पता चला कि ताहा को शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शहीद फैजल से मिलवाया था, जो लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु साजिश मामले में फरार है। शोएब अहमद मिर्जा मामले में सजा काट चुका है। एनआईए ने कहा कि ताहा ने फिर अपने आका फैजल को अल-हिंद आईएसआईएस मॉड्यूल मामले के आरोपी महबूब पाशा और आईएसआईएस दक्षिण भारत मॉड्यूल के अमीर खाजा मोहिदीन से और बाद में माज मुनीर अहमद से भी मिलवाया।