नए रेंट रूल्स हुए लागू: ज्यादा किराया देने वालों के लिए हुए हैं ये बदलाव, जानें सबकुछ
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 07:24 PM (IST)
नेशनल डेस्क : सरकार ने किराएदारों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नए रेंट रूल्स 2025 लागू कर दिए हैं, जिनके लागू होने से किराए पर रहना अब हर व्यक्ति के लिए अधिक सरल, पारदर्शी और व्यवस्थित हो जाएगा। इन नए नियमों के तहत 60 दिनों के भीतर रेंट एग्रीमेंट का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है तथा सिक्योरिटी डिपॉजिट की एक सीमा निर्धारित की गई है। चाहे आप किराएदार हों या मकान मालिक, इन नए नियमों को समझना और अपनाना बेहद जरूरी है।
नए नियमों के अनुसार, यदि किराया एक निर्धारित सीमा से अधिक है तो टैक्स भुगतान के नियम लागू होंगे। उदाहरण स्वरूप, यदि आप महीने का किराया 50,000 रुपये से अधिक देते हैं, तो केवल किराया देना ही पर्याप्त नहीं रहेगा, बल्कि टैक्स नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर भारी जुर्माना, ब्याज और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
TDS नियम
TDS नियमों के अंतर्गत, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194-IB के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति नौकरी करता है, प्रोफेशनल है या छोटा व्यवसाय संचालित करता है और वह महीने में 50,000 रुपये से ज्यादा किराया चुका रहा है, तो उसे 2% की दर से TDS काटना पड़ेगा। यह TDS सालाना एक बार, मार्च महीने में या हीं किरायेदारी समाप्ति के महीने में काटा जाता है।
टैक्स विभाग के मुताबिक, अगर पिछले वर्ष का व्यवसाय 1 करोड़ रुपये से कम या पेशेवर आय 50 लाख रुपये से कम रही तो भी 50,000 रुपये से ऊपर किराये पर TDS कटौती अनिवार्य होगी। इसके बाद किराएदार को फॉर्म 26QC भरना होता है और मकान मालिक को फॉर्म 16C जारी करना होता है। कई लोग इसे केवल कंपनियों पर लागू नियम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बाद में टैक्स विभाग की तरफ से लेट फीस वाले नोटिस मिलते हैं।
नियमों के उल्लंघन पर पेनल्टी
नियमों का उल्लंघन करने पर पेनल्टी भी निर्धारित है। इसमें रोजाना 200 रुपये की लेट फीस, TDS न काटने पर 1% और TDS न जमा करने पर 1.5% ब्याज देना पड़ेगा, साथ ही 10,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। गंभीर मामलों में 3 महीने से 7 साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है। अब रेंट एग्रीमेंट केवल लिखित रूप में नहीं रहेगा, बल्कि 60 दिनों के अंदर उसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इससे बिना लिखित या मनमाने एग्रीमेंट की समस्या समाप्त हो जाएगी। यदि समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं होगा तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगेगा।
90 दिन पहले देना होगा नोटिस
मकान मालिक अचानक किराया बढ़ा नहीं सकेंगे। किराया बढ़ाने के लिए कम से कम 90 दिन पहले लिखित नोटिस देना जरूरी होगा। इसके अलावा किराएदार को अचानक घर खाली करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा। बड़े शहरों में यह समस्या आम रही है, लेकिन नए नियमों के तहत बिना रेंट ट्रिब्यूनल के आदेश के किसी को भी घर खाली नहीं कराया जा सकता है।
घर की मरम्मत और निरीक्षण के नियम
घर की मरम्मत और निरीक्षण के संबंध में भी नए नियम बने हैं। मकान मालिक को घर में मरम्मत या निरीक्षण के लिए 24 घंटे पूर्व सूचना देनी होगी। साथ ही जरूरी मरम्मत 30 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। यदि मरम्मत नहीं होती है, तो किराएदार किराया कम कर सकता है या खुद मरम्मत कराकर उससे पैसे समायोजित कर सकता है। इसके अलावा विवादों के समाधान के लिए भी समय सीमा तय की गई है, जिसमें किराया, डिपॉजिट, अनुचित घर खाली करवाने या नुकसान के मामलों को 60 दिनों के भीतर निपटाना होगा।
इन नए नियमों से किराएदारों के लाभ
सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा तय होने से वित्तीय बोझ कम होगा
किराए में नियंत्रण से किराया बढ़ोतरी पर रोक लगेगी
पारदर्शी डिजिटल दस्तावेज बनेंगे जिससे पेपरवर्क साफ-सुथरा होगा
विवादों का तेजी से समाधान होगा
मकान मालिकों के लिए भी यह नियम फायदे लेकर आएंगे
कॉन्ट्रैक्ट कानूनी रूप से मजबूत होंगे
डिजिटलीकरण के कारण विवाद कम होंगे
भुगतान और दस्तावेजों का साफ रिकॉर्ड उपलब्ध होगा
इन नए रेंट रूल्स 2025 के लागू होने से किराएदार और मकान मालिक दोनों के अधिकारों और कर्तव्यों में स्पष्टता आएगी तथा भारत का किरायेदारी तंत्र अधिक न्यायसंगत और व्यवस्थित बनेगा।
