किराएदार-मकान मालिक दें ध्यान! रेंट एग्रीमेंट में हुआ बदलाव, इस एक गलती के भरने पड़ सकते हैं 5000
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 05:12 PM (IST)
नेशनल डेस्क: देशभर में किराएदार और मकान मालिकों के बीच बढ़ते विवादों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘न्यू रेंट एग्रीमेंट 2025’ लागू कर दिए हैं। ये नए नियम मॉडल टेनेंसी एक्ट (MTA) और हालिया बजट प्रावधानों पर आधारित हैं। नए प्रावधानों के तहत रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन, सिक्योरिटी डिपॉजिट, किराया बढ़ोतरी और विवाद निपटान के नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं।
रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन में देरी पर जुर्माना
अब एग्रीमेंट साइन होने के दो महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इसे राज्य की ऑनलाइन प्रॉपर्टी वेबसाइट या नजदीकी रजिस्ट्रार ऑफिस में कराया जा सकता है। यदि तय समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह नियम मकान मालिक और किराएदार दोनों के लिए कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
किरायेदारों को बड़ी राहत
सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा अब रिहायशी प्रॉपर्टी के लिए दो महीने और कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए छह महीने तक रखी गई है। मकान मालिक अब बिना उचित नोटिस और प्रक्रिया के किराएदार को बेदखल नहीं कर सकते। किराया बढ़ोतरी केवल एग्रीमेंट की शर्तों और पूर्व नोटिस के बाद ही की जा सकेगी।
मकान मालिकों के लिए फायदे
टैक्स में राहत: TDS कटौती की सीमा बढ़ाकर सालाना 6 लाख रुपये कर दी गई है। इससे मकान मालिकों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा।
विवादों का फास्ट-ट्रैक निपटारा: स्पेशल रेंट कोर्ट्स और ट्रिब्यूनल बनाए गए हैं, जो विवादों का समाधान 60 दिनों के भीतर करेंगे।
किराया न मिलने पर सुरक्षा: यदि कोई किराएदार तीन महीने या उससे अधिक समय तक किराया नहीं देता है, तो मकान मालिक रेंट ट्रिब्यूनल के जरिए त्वरित न्याय पा सकेंगे।
