एक भारत श्रेष्ठ भारत'' की सच्ची भावना को दर्शाता नया संसद भवन...जानिए इसकी खासियत

punjabkesari.in Monday, May 29, 2023 - 03:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल' को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया। पारंपरिक परिधान में प्रधानमंत्री मोदी ने द्वार संख्या-एक से संसद भवन परिसर में प्रवेश किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया। इसके बाद मोदी और बिरला ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्' अनुष्ठान किया।

 

प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल' (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया। इसके बाद ‘नादस्वरम्' की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस. जयशंकर और जितेंद्र सिंह, योगी आदित्यनाथ सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारियों को शॉल और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर एक सर्वधर्म प्रार्थना भी आयोजित की गई।

 

नए संसद भवन की खासियतें

  • त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत 64,500 वर्ग मीटर में फैली है। इस इमारत के तीन मुख्य द्वार ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। इसमें विशिष्ट जन, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। 
  • नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। 
  • इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है।
  • कालीन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का है।
  • लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है।
  • निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से लाई गई है।
  • भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगवाई गई है।
  • भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर और सफेद संगमरमर राजस्थान से मंगवाया गया है।
  • फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई।
  • संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। 
  • पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया है।
  • प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र और राजस्थान से मंगवाई गई है।
  • लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगवाया गया है।
  • पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। 
  • फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई हैं।
  • पीतल के काम और सीमैंट के बने-बनाए ट्रैंच अहमदाबाद से लाए गए हैं।
  • नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होने पर कुल 1,280 सदस्यों को लोकसभा कक्ष में समायोजित किया जा सकता है।
  •  प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। 
  • पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। पुरानी इमारत को वर्तमान आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त पाया गया था। 
  • केंद्रीय कक्ष में केवल 440 लोगों के बैठने की क्षमता है और दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों के दौरान अधिक जगह की आवश्यकता महसूस की गई थी। 

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Content Writer

Seema Sharma

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