'15 शवों को हमने खुद एम्बुलेंस में डाला', कुली ने बताई नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की आंखों देखी
punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2025 - 09:25 AM (IST)
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नेशनल डेस्क: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें भगदड़ मचने से 18 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में 9 महिलाएं, 4 पुरुष और 5 बच्चे शामिल हैं। हादसे में सबसे अधिक बिहार के 9, दिल्ली के 8 और हरियाणा के 1 यात्री की मौत हुई। यह घटना रात करीब 10 बजे प्लेटफार्म नंबर 13 और 14 पर हुई, जब हजारों श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए स्टेशन पर इकट्ठा हुए थे और ट्रेन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
रेलवे स्टेशन पर मौजूद कुली सुगन लाल मीणा ने बताया कि उन्होंने और उनके साथियों ने 15 शवों को निकाला और एम्बुलेंस में रखा। उन्होंने कहा, "मैं 1981 से कुली का काम कर रहा हूं, लेकिन इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी। प्लेटफॉर्म चेंज होने की वजह से अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। स्टेशन पर चारों ओर जूते और कपड़े बिखरे पड़े थे।"
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी रवि ने बताया कि भगदड़ रात करीब 9:30 बजे शुरू हुई। प्लेटफॉर्म नंबर 13 पर मौजूद लोग जब 14 और 15 नंबर प्लेटफॉर्म की ओर बढ़े तो भीड़ अनियंत्रित हो गई।
प्लेटफॉर्म चेंज बना हादसे की वजह
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज स्पेशल ट्रेन को प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होना था, लेकिन इसे अचानक 16 नंबर प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया गया। इससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और भीड़ बेकाबू हो गई। इस दौरान कई लोग फुटओवर ब्रिज और सीढ़ियों पर गिर पड़े, जिससे कई की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रशासन की भूमिका और देरी से राहत कार्य
प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि रेलवे प्रशासन और सुरक्षा बल हालात संभालने में नाकाम रहे। हादसे के बाद कुलियों और यात्रियों ने घायलों की मदद की। प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन देर से शुरू हुआ, जिससे कई जानें चली गईं।
दिल्ली के उपराज्यपाल और सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एलएनजेपी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं प्रकट कीं और दिल्ली के मुख्य सचिव व पुलिस कमिश्नर को हालात नियंत्रित करने के निर्देश दिए। दिल्ली सरकार की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी और आगे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।