इलेक्शन डायरी: नेहरू ने भाखड़ा बांध बनाकर बदली देश की खेती की तस्वीर

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2019 - 05:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क(नरेश कुमार): देश जब 1947 में आजाद हुआ तो देश के सामने कई चुनौतियां थीं। सबसे पहली चुनौती देश को एकजुट करने और देशवासियों को भर पेट खाना देने की थी और खाने के लिए कृषि का विकास जरूरी था और इस विकास के लिए जरूरत थी सिंचाई के पानी की। इस समस्या का समाधान निकाला गया भाखड़ा बांध बना कर। यह आजाद भारत की सरकार का पहला बड़ा फैसला था जिसने देश की खेती की तस्वीर बदल दी। हालांकि जो भाखड़ा बांध हम आज देखते हैं उसकी कल्पना 1908 में ही हो गई थी और 1919 में इस पर प्रोजैक्ट रिपोर्ट भी बन गई लेकिन इसके निर्माण का काम शुरू हुआ 7 जुलाई 1954 में। 
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तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसका उद्घाटन किया। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले नंगल तक यातायात और सामान ले जाने के लिए मार्ग विकसित किए गए क्योंकि आजादी के समय रेल मार्ग के जरिए रोपड़ ही जुड़ा हुआ था जो नंगल से 60 किलोमीटर दूर है। आजादी के बाद नंगल का रोपड़ के साथ सम्पर्क बनाया गया और 1951 में यहां 50 बैड का एक अस्पताल भी निर्मित किया गया।
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हालांकि निर्माण गतिविधियां अप्रैल 1952 में अमरीका के इंजीनियर हार्वे स्लोकम की अगुवाई में शुरू हो गई थीं। जवाहर लाल नेहरू इस बांध को लेकर इस कदर उत्साहित थे कि उन्होंने बांध के निर्माण के दौरान 10 बार निर्माण कार्य का जायजा लिया और समय-समय पर बांध का निर्माण कर रहे इंजीनियरों और वर्करों का उत्साह बढ़ाते रहे।
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यह बांध 22 अक्तूबर 1963 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। इस बांध के जरिए ही बिजली निर्माण के अलावा नंगल हाइडल चैनल, भाखड़ा नहर, बिस्त दोआब नहर का निर्माण हुआ जिसके जरिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके साथ ही बिजली निर्माण का काम भी इस बांध के जरिए ही शुरू किया गया।
 


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Pardeep

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