हिमाचल में भाजपा पर भारी पड़ सकती है नारी सम्मान योजना, हर महिला के दिमाग में घूम रहे हैं 1500 रुपए

punjabkesari.in Thursday, May 30, 2024 - 08:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की 4 और विधानसभा की 6 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। इसी बीच राज्य सरकार की ओर से महिलाओं को नारी सम्मान के तहत दी जाने वाली 1500 रुपए की पैंशन सुर्खियों में है। कहा जाता है कि इन चुनावों से पहले विपक्ष में बैठी भाजपा को यह अंदाजा नहीं था कि सुक्खू सरकार की यह नारी सम्मान योजना उसे चुनाव प्रचार में भारी पड़ सकती है। मीडिया की कई ग्राउंड रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि जिन महिलाओं ने नारी सम्मान योजना के तहत फार्म भरे हैं उनके जेहन में 1500 रुपए घूम रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि इस योजना के कारण भाजपा को चार लोकसभा क्षेत्रों सहित 6 विधानसभा सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस योजना के तहत खासकर 6 चुनावी विधानसभा क्षेत्रों में अधिकांश महिलाओं से फार्म भरवाए गए हैं और उनसे वादा किया गया है कि उन्हें यह राशि बैक डेट के साथ मिलेगी।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बनाई महिलाओं तक पहुंच
रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव प्रचार के दौरान 6 चुनावी विधानसभा और 4 लोकसभा क्षेत्रों में 18 से 60 आयु वर्ष की महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये पैंशन देने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पहुंच बनाने की कोशिश की है। हालांकि चुनाव आचार संहिता के चलते यह मामला अटका हुआ है, लेकिन चुनावी सभाओं में सूबे के सी.एम. सुखविंदर सिंह सुक्खू यह ऐलान करते हुए नहीं चूक रहे हैं कि महिलाओं को यह राशि बकाया सहित जून माह में जारी कर दी जाएगी। सरकार का यह भी दावा है कि लाहौल स्पीति जिले में पात्र महिलाओं को योजना के पहले चरण के दौरान 1500 रुपये मिले हैं। बहुत ही कम आबादी वाले लाहौल और स्पीति में इस योजना को 1 फरवरी, 2024 को प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था। जिसके बाद अभी भी 1500 रुपये का लाभ पाने के लिए वेलफेयर कार्यालयों में महिलाओं की लंबी कतारें देखने को मिल जाती हैं।

भाजपा ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत
अप्रैल में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (भाजपा) सहित विपक्षी नेताओं ने इस योजना के बारे में चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया था कि फॉर्म में दिवंगत पी.एम. इंदिरा गांधी और सीएम सुक्खू की तस्वीरें हैं, जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है। शिकायत पर विचार करते हुए चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह बिना किसी तस्वीर के फॉर्म वितरित कर सकती है, लेकिन इस योजना के तहत पैसे वितरित नहीं किए जा सकते। हालांकि यह योजना आदर्श आचार संहिता लागू होने से एक महीने पहले हिमाचल प्रदेश में शुरू की गई थी।
हिमाचल प्रदेश में मौजूद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव संजय दत्त के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने पहले ही 1,500 रुपये की योजना अधिसूचित कर दी है। एक बार आचार संहिता हटने के बाद पात्र महिलाओं को उनके खातों में दो महीने के 3,000 रुपये मिलेंगे। लेकिन जिस तरह से भाजपा ने इस योजना को रोका, उससे उसका दोहरा चरित्र उजागर हुआ।

पीएम मोदी ने सुक्खू सरकार पर किए थे कटाक्ष
हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्मचारी चयन आयोग पर ताला लगाने के लिए हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को तालाबाज सरकार करार दिया था और दावा किया कि सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार राजनीतिक रूप से अस्थिर है और कभी भी गिर सकती है। शिमला (एस.सी,) निर्वाचन क्षेत्र से अपने पार्टी उम्मीदवार सुरेश कश्यप के लिए समर्थन मांगने के लिए नाहन में अपनी रैली के दौरान मोदी ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना और गोबर योजना पर भी कटाक्ष किया, जिसमें राज्य सरकार किसानों से गोबर खरीद कर उसे जैविक खाद में बदलेगी। किसानों को गोबर की खाद के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान किया जाएगा।

 


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Content Editor

Mahima

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