Monsoon Alert: हिमाचल में कहर बनकर टूटा मानसून, 69 लोगोंं की मौत, मंडी में सबसे ज्यादा तबाही, अलर्ट जारी

punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 10:45 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है। मानसून के आते ही राज्य में तबाही का मंजर देखने को मिला है। भारी बारिश, बादल फटना और फ्लैश फ्लड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखा गया है जहां जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ है। अब तक पूरे राज्य में 69 लोगों की मौत हो चुकी है और करोड़ों की संपत्ति तबाह हो गई है।

मंडी बना सबसे बड़ा आपदा केंद्र

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, मंडी जिले में सबसे अधिक तबाही देखने को मिली है। अकेले मंडी में 13 स्थानों पर बादल फटे हैं। जिले में 14 लोगों की मौत हुई है जबकि 31 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लगी हुई हैं। गोहर, थुनाग, करसोग और जंजैहली जैसे इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया जा रहा है।

अब तक मंडी जिले में:

  • 348 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है

  • 154 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं

  • 31 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं

  • 106 गौशालाएं ढह गई हैं

  • 14 पुल बह गए हैं

  • 165 मवेशियों की मौत हुई है

पूरे हिमाचल में भारी नुकसान

राज्यभर में मानसून की तबाही का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब तक 69 लोगों की मौत हो चुकी है और 110 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 37 लोग अभी भी लापता हैं।

राज्य भर में अब तक:

  • 495 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

  • 246 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद पड़ी हैं।

  • 404 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं।

  • 784 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं।

  • 18 मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं।

  • 70 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

  • 198 गौशालाएं बह गई हैं।

  • 250 से ज्यादा पशु और पक्षी मारे गए हैं।

कहां कितनी सड़कें बंद?

  • मंडी: 145 सड़कें बंद

  • कुल्लू: 36 सड़कें

  • सिरमौर: 25 सड़कें

  • शिमला: 22 सड़कें

इन सभी जिलों में आवागमन पूरी तरह ठप पड़ा है जिससे राहत कार्यों में भी दिक्कत आ रही है।

शिमला में निर्माण कार्य से नया खतरा

शिमला के ढली क्षेत्र के लिंडीधार गांव में फोरलेन निर्माण के दौरान बनाई जा रही सुरक्षा दीवार गुरुवार को अचानक ढह गई। इससे सैकड़ों सेब के पौधे नष्ट हो गए और आसपास के घरों को भी खतरा उत्पन्न हो गया। लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा है। स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य में लापरवाही के लिए एनएचएआई को जिम्मेदार ठहराया है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड की आशंका जताई है।

  • 5 जुलाई से 9 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है

  • अगले दो दिन के लिए येलो अलर्ट भी लागू किया गया है

इसलिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने को कहा गया है।

प्रशासन की अपील और राहत कार्य

राज्य सरकार और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों को सतर्क रहने और प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड्स और स्थानीय पुलिस की टीमें सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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