देशभर में छाया मॉनसून, अगले 7 दिनों तक इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना, IMD ने किया अलर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 06:23 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को चेतावनी जारी की है कि आगामी 6 से 7 दिनों तक देश के उत्तर-पश्चिमी, मध्य और पूर्वी हिस्सों में मानसून पूरी तरह से सक्रिय रहेगा और कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अगले सप्ताह तक मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान जताया है। इन इलाकों में भूस्खलन, जलजमाव, और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा भी बढ़ गया है।

मध्य और पूर्वी भारत में व्यापक असर

IMD के अनुसार, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में भी आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, झारखंड और ओडिशा के कई क्षेत्रों में तेज़ बारिश के कारण जलभराव और नदी जलस्तर में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।

पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी भारत में भी अलर्ट

कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के इलाकों में भी भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। सौराष्ट्र और कच्छ में अगले सात दिनों तक तेज बारिश हो सकती है। IMD ने इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है।

पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत पर भी असर

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों—असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश में भी भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, दक्षिण भारत के कोस्टल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में सप्ताह के मध्य तक अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।

जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान

मौसम विभाग ने सोमवार को बताया कि जुलाई महीने में देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। खासतौर पर मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा में बारिश सामान्य से ज्यादा हो सकती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थितियां बन सकती हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्र और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में इस बार बारिश सामान्य से कम हो सकती है।

जलाशयों और नदियों की निगरानी बेहद जरूरी

IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गोदावरी, महानदी और कृष्णा जैसी प्रमुख नदियों के जल संग्रह क्षेत्रों में खास निगरानी की आवश्यकता है। विशेष रूप से महानदी बेसिन जो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को कवर करता है, में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान है। यदि वर्षा की मात्रा बढ़ती है, तो बांधों के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोतरी हो सकती है जिससे बाढ़ की संभावना कई गुना बढ़ सकती है।

शहरी और पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सावधानी जरूरी

महापात्रा ने यह भी बताया कि उत्तराखंड और हरियाणा में अच्छी बारिश की संभावना है, जिससे दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों पर भी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड से निकलने वाली कई नदियां दक्षिण दिशा में बहती हैं, इसलिए निचले इलाकों के लिए फ्लड वॉर्निंग जारी की जा सकती है।

शहरी क्षेत्रों, जैसे दिल्ली, लखनऊ, पटना, मुंबई आदि में भारी बारिश के कारण जलजमाव की समस्या गंभीर हो सकती है। भूस्खलन और सड़क बंद होने जैसी घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में सामान्य हो सकती हैं।

प्रशासन और जनता के लिए सुझाव

  • नदियों और बांधों के पास न जाएं

  • बारिश के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें

  • स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें

  • फसल और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करें, विशेषकर उन राज्यों में जहां मूसलधार बारिश की संभावना है

  • शहरी क्षेत्रों में जलनिकासी व्यवस्था को सक्रिय रखें


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Content Writer

Pardeep

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