21 जुलाई से 21 अगस्त तक होगा संसद का मॉनसून सत्र, राष्ट्रपति मुर्मू ने सरकार के प्रस्ताव को दी मंजूरी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 10:18 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत की संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस आशय की पुष्टि संसद कार्य मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में की गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवधि में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा को बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "भारत की राष्ट्रपति ने 21 जुलाई से 21 अगस्त, 2025 तक संसद का मानसून सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।"
स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को लेकर दो दिन नहीं होगी बैठक
15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले 13 और 14 अगस्त को संसद की कार्यवाही स्थगित रहेगी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक व्यवस्था करने का समय मिल सके।
यह सत्र क्यों अहम है?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद संसद का पहला सत्र
इस मानसून सत्र को विशेष महत्व इसलिए मिल रहा है क्योंकि यह कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और उसके बाद हुए "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद संसद का पहला सत्र होगा। पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी और सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। यह कार्रवाई भारतीय सेना द्वारा किए गए अब तक के सबसे सटीक और समन्वित सीमापार अभियानों में से एक मानी जा रही है।
विपक्ष की विशेष सत्र की मांग
ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रीय बहस को लेकर विपक्षी दलों ने एक विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की थी। 16 दलों के INDIA गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की, ताकि ऑपरेशन की रणनीति, उद्देश्य और संभावित प्रभावों पर चर्चा हो सके।
हालांकि, सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया और स्पष्ट किया कि सभी विषयों पर मानसून सत्र में चर्चा का अवसर दिया जाएगा।
बजट सत्र की समाप्ति और विधायी कार्य
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संसद का बजट सत्र इस वर्ष 31 जनवरी, 2025 को शुरू हुआ था।
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यह सत्र 4 अप्रैल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया, जिससे यह वर्ष का पहला और अब तक का एकमात्र सत्र रहा।
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अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून सत्र में सरकार कई अहम विधेयकों को प्रस्तुत कर सकती है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, डिजिटल मीडिया, आंतरिक सुरक्षा और न्यायिक सुधारों से जुड़े प्रस्ताव प्रमुख हो सकते हैं।