गलत साबित हुई IMD की भविष्यवाणी, दिल्ली में नहीं हुई मॉनसून की एंट्री
punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 06:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस साल का मॉनसून अब उत्तर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उत्तरी अरब सागर, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में मॉनसून पहुंच चुका है।
हालांकि, दिल्ली अब तक मॉनसून की पहली बारिश से अछूती रही है। जबकि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून की शुरुआत हो चुकी है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 36 घंटों में दिल्ली और बाकी बचे हिस्सों में भी मॉनसून के पहुंचने की संभावना है।
कहां-कहां हो सकती है भारी बारिश?
मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
गुजरात, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय कर्नाटक, आंतरिक कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल और माहे, ओडिशा, विदर्भ, पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश। इन राज्यों के कई इलाकों में अत्यंत भारी वर्षा भी हो सकती है।
केरल में समय से पहले पहुंचा था मॉनसून
इस साल मॉनसून ने अपनी सामान्य तारीख से 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल में दस्तक दे दी थी। आमतौर पर केरल में मॉनसून 1 जून को आता है। इसके बाद मॉनसून देशभर में धीरे-धीरे फैलता है और 15 जुलाई तक पूरे भारत को कवर कर लेता है।
दिल्ली में मॉनसून का इंतजार
मौसम विभाग ने पहले कहा था कि 24 जून तक दिल्ली में मॉनसून की बारिश हो सकती है, लेकिन यह अनुमान सही नहीं निकला। अब उम्मीद है कि जल्द ही दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में मॉनसून सक्रिय होगा।
कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए क्यों जरूरी है मॉनसून?
भारत की 51% कृषि भूमि वर्षा पर निर्भर है। कृषि उत्पादन का लगभग 40% हिस्सा सिर्फ मानसून की बारिश से जुड़ा है। यही वजह है कि मॉनसून को भारत की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा कहा जाता है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश की 47% आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। ऐसे में भरपूर मॉनसून सीधे तौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खाद्य उत्पादन और रोजगार को प्रभावित करता है।