1 जुलाई से इस बैंक से पैसा निकालना और जमा करना होगा महंगा, जानिए क्या-क्या होंगे बदलाव
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 12:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के ग्राहक हैं, तो यह खबर जरूर पढ़ें। निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक ICICI ने 1 जुलाई 2025 से कई बैंकिंग सेवाओं पर नए शुल्क लागू करने का ऐलान किया है। इन बदलावों का सीधा असर आपके रोजमर्रा के बैंकिंग खर्च पर पड़ेगा। एटीएम से पैसे निकालने से लेकर डेबिट कार्ड और डिमांड ड्राफ्ट तक, अब कई सेवाओं पर ज्यादा शुल्क देना होगा। बैंक का कहना है कि बढ़ती ऑपरेशनल लागत, प्रतिस्पर्धी सेवाओं की निरंतरता और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए ये बदलाव किए जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि 1 जुलाई से आपके लिए क्या-क्या बदलने जा रहा है:-
एटीएम ट्रांजेक्शन पर बदले नियम
- अब आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक हर महीने केवल 5 मुफ्त एटीएम ट्रांजेक्शन कर पाएंगे। इसके बाद:
- फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन
- नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (जैसे बैलेंस चेक) पर ₹8.50 प्रति ट्रांजेक्शन
दूसरे बैंक के एटीएम पर:
- मेट्रो शहरों में 3 और नॉन-मेट्रो में 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन मिलेंगे। इसके बाद वही शुल्क लागू होगा (पहले फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन चार्ज ₹21 था)।
कैश डिपॉजिट और विदड्रॉल चार्ज में बदलाव
- हर महीने 3 कैश डिपॉजिट मुफ्त
- इसके बाद प्रति ₹1,000 पर ₹2 शुल्क,
- न्यूनतम ₹50 और अधिकतम ₹15,000 तक
विदड्रॉल पर भी 3 ट्रांजेक्शन के बाद चार्ज लागू होंगे।
पहले 10,000 रुपये तक ₹50 का फ्लैट चार्ज था और इसके बाद प्रति ₹1,000 पर ₹5 लिया जाता था।
डिमांड ड्राफ्ट और पे ऑर्डर पर शुल्क बढ़ा
- अब प्रति ₹1,000 पर ₹2 शुल्क
- न्यूनतम ₹50 और अधिकतम ₹15,000
- ये चार्ज चेक या अकाउंट से ट्रांसफर द्वारा DD बनाने पर भी लागू होंगे
IMPS ट्रांजेक्शन पर नया शुल्क
- IMPS (इमीडिएट पेमेंट सर्विस) से पैसे ट्रांसफर करने पर अब नए स्लैब के अनुसार शुल्क लगेगा। बैंक ने स्लैब आधारित चार्जिंग लागू की है। (पूरी जानकारी बैंक की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है)
डेबिट कार्ड से जुड़ी फीस में इजाफा
- डेबिट कार्ड की सालाना फीस ₹200 से बढ़कर ₹300 हो गई है
- डैमेज या खोया हुआ कार्ड दोबारा लेने पर भी अब ₹300 चुकाने होंगे
क्यों बढ़ाए गए चार्जेस?
आईसीआईसीआई बैंक का कहना है कि इन शुल्कों में बदलाव ग्राहकों को बेहतर डिजिटल अनुभव देने, सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने और बढ़ती लागत से निपटने के लिए आवश्यक हैं। बैंक का दावा है कि ये बदलाव पारदर्शिता को भी बढ़ाएंगे।