पहली बार नौकरी मिलते ही सरकार देगी इतने पैसे, केंद्र ने ELI स्कीम को दी मंजूरी; जानिए योजना के फायदे?
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 01:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने मंगलवार को 1.07 लाख करोड़ रुपए की रोजगार बढ़ाने वाली योजना ‘एंप्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव’ (Employment Linked Incentive) को मंजूरी दे दी है। यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होकर 31 जुलाई 2027 तक लागू रहेगी। इसका उद्देश्य नई नौकरियों का सृजन करना और कंपनियों को ज्यादा रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के तहत पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को एक महीने का वेतन या अधिकतम ₹15,000 दो किस्तों में मिलेगा। वहीं, नई नौकरी देने वाले नियोक्ताओं को प्रतिमाह ₹3,000 तक का प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से अगले दो वर्षों में लगभग 3.5 करोड़ नई नौकरियां पैदा होंगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि यह योजना 2024-25 के बजट में घोषित 2 लाख करोड़ रुपये के रोजगार पैकेज का हिस्सा है। 2024-25 में 1.13 करोड़ लोगों को पहली नौकरी मिली थी, जिनमें से 96 लाख युवा ₹1 लाख तक वेतन पाने वाले हैं, जो इस योजना के पात्र होंगे।
ईएलआई योजना के मुख्य बिंदु:-
- योजना का लाभ पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं और उनकी कंपनियों को मिलेगा।
- कर्मचारी का वेतन ₹1 लाख तक होना चाहिए और कंपनी को योजना में पंजीकृत होना जरूरी है।
- कर्मचारी को पहली किस्त 6 महीने नौकरी पूरी करने पर और दूसरी 12 महीने पूरे होने के बाद दी जाएगी।
- कंपनी को हर नए कर्मचारी पर ₹3,000 प्रति माह तक का इंसेंटिव मिलेगा।
- 50 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को कम से कम 2 नई नौकरियां और बड़ी कंपनियों को 5 नई नौकरियां देनी होंगी।
- कंपनियों को 2 साल तक इंसेटिव मिलेगा। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए इसे चार साल तक बढ़ाया जा सकता है।
- कंपनियों को कितना मिलेगा इंसेटिव ?
₹10,000 तक वेतन पर ₹1,000 प्रति माह
₹10 से 20,000 तक पर 2,000 प्रति माह
20,000 से 1 लाख तक ₹3,000 प्रति माह
कैबिनेट ने मंजूर की 1 लाख करोड़ की आरडीआई योजना
साथ ही, कैबिनेट ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (आरडीआई) योजना को भी हरी झंडी दी है। इसके तहत निजी क्षेत्र को कम या शून्य ब्याज दर पर दीर्घकालिक कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे रणनीतिक और उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ा सकें।