ऑफ द रिकॉर्डः CJI को लुभाने के लिए मोदी ने की कितनी कड़ी मेहनत
punjabkesari.in Monday, Dec 03, 2018 - 08:30 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह कुछ असाधारण काम कर दिखाया जो पिछले 70 वर्षों में उनके पहले के किसी भी पी.एम. ने नहीं किया! वह रविवार को चीफ जस्टिस (सी.जे.आई.) रंजन गोगोई के निमंत्रण पर अंतर्राष्ट्रीय जजों की बैठक में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के परिसर में गए। वास्तव में कोई अन्य प्रधानमंत्री बिमस्टैक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सैक्टोरल टैक्नीकल एंड इकोनॉमिक को-आप्रेशन) में शामिल होने के लिए उच्चतम न्यायालय के परिसर में नहीं गए थे। यहां सब कुछ ठीक-ठाक था मगर कुछ असाधारण घटना हुई।
पहले तो प्रधानमंत्री वहां केवल डिनर के लिए गए थे न कि कांफ्रैंस में भाग लेने के लिए। वह रविवार को शाम 8 बजे के बाद उच्चतम न्यायालय परिसर में पहुंचे। डिनर के बाद मोदी वहां कुछ समय रुके और डिनर के बाद वहां मौजूद उच्चतम न्यायालय के प्रत्येक जज से मिले। साढ़े 9 बज गए थे और जजों ने अपनी घडिय़ों की ओर देखा मगर प्रधानमंत्री वहां से जाने के मूड में नहीं थे। अचानक उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से कहा कि क्या वह कोर्ट नंबर एक को देख सकते हैं?
इस कोर्ट की अध्यक्षता सी.जे.आई. खुद करते हैं और प्रधानमंत्री खुद कोर्ट रूम देखना चाहते थे। इस मांग को लेकर सी.जे.आई. गोगोई कुछ परेशान दिखे लेकिन उन्होंने इसकी स्वीकृति दे दी और चौकीदार को ढूंढने के बाद गेट का दरवाजा खुलवाया गया।
मोदी कोर्ट रूम में गए और अग्रिम बैंचों पर बैठ गए जहां वरिष्ठ वकील बैठते हैं और दलीलें देने के लिए खड़े होते हैं। मोदी ने कई जानकारियां प्राप्त कीं और बाद में एक बैंच पर बैठ गए। सी.जे.आई. ने शिष्टाचारपूर्वक उनसे पूछा कि क्या वह एक कप चाय लेना पसंद करेंगे? मोदी ने खुशी से सहमति दे दी। मोदी वहां काफी समय रहे और वहां से 10 बजे के बाद रवाना हुए जिससे सभी हैरान रह गए।