मणिपुर-G20 समिट के लिए सुरक्षा ग्रिड मजबूत करने की तैयारी, CAPF की 22 और कपंनियां तैनात करेगी मोदी सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 06:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 20-22 और कंपनियों को तैनात कर सकती है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दरअसल, अमरनाथ यात्रा के लिए तैनात इन कर्मियों को वहां से हटाकर पूर्वोत्तरी राज्य के हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। मणिपुर में पहले से ही सीएपीएफ की करीब 125 कंपनियां तैनात हैं। सरकार इनके अतिरिक्त 20-22 और कंपनियों को वहां तैनात करेगी। मणिपुर में मई के पहले हफ्ते में हिंसा भड़क गई थी। सीएपीएफ में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) शामिल हैं। पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा ग्रिड को “मजबूत” करने के लिए पहले चरण में सीएपीएफ की करीब 20-22 कंपनियों को तैनात करने की योजना है।

15 कपंनियां मणिपुर के लिए हो सकती है रवाना
सुरक्षा प्रतिष्ठान में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन कंपनियों को जम्मू कश्मीर में अमरनाथ ड्यूटी से हटाया जा रहा है, क्योंकि यात्रा को अब बंद करने की घोषणा की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात करीब 10-15 और कंपनियों को बाद में मणिपुर के लिए रवाना किया जा सकता है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने यात्रा के लिए लोगों की संख्या कम होने और दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित भगवान शिव के गुफा मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते की मरम्मत के काम के मद्देनजर 23 अगस्त से अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से बंद करने की 20 अगस्त को घोषणा की थी।

जम्मू कश्मीर सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि भगवान शिव के पवित्र दंड ‘छड़ी मुबारक' को पारंपरिक पहलगाम मार्ग से ले जाया जाएगा और इसके साथ ही 31 अगस्त को यह तीर्थयात्रा संपन्न हो जाएगी। एक जुलाई को शुरू हुई अमरनाथ यात्रा के लिए सीएपीएफ की 140 से ज्यादा कंपनियों को भेजा गया था। कश्मीर में पहले से मौजूद सीएपीएफ और सेना की इकाई भी इस सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा थी। सीएपीएफ की एक कंपनी में 70-80 कर्मी अभियान के लिए कार्यरत रहते हैं।

हिंसा में 160 से अधिक लोगों की मौत 
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा के कारण अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि सीएपीएफ की तकरीबन 20 कंपनियों को अमरनाथ यात्रा से हटाया गया है और उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है ताकि 9-10 सितंबर को भारत की अध्यक्षता में जी-20 के शिखर सम्मेलन के लिए तैयार की जा रही सुरक्षा व्यवस्था में उनकी तैनाती की जा सके।

300 कंपनियों को तैनात करने की जरूरत होगी
अधिकारियों के मुताबिक, सीएपीएफ का अगले कुछ महीनों के दौरान खासा व्यस्त कार्यक्रम है, क्योंकि साल के अंत में पांच राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए करीब 300 कंपनियों को तैनात करने की जरूरत होगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम में साल के अंत में चुनाव होने हैं। सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग की ओर से मांग करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय यह तय करेगा कि विधानसभा चुनाव कराने के लिए सीएपीएफ की कितनी कंपनियों को तैनात करने की जरूरत है। 

 


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Content Editor

rajesh kumar

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