फोन का Bluetooth ऑन रखने वाले हो जाएं सावधान, मिनटों में खाते से निकल सकते हैं लाखों रुपए

punjabkesari.in Wednesday, Jan 18, 2023 - 02:37 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मोबाइल फोन में ब्लूटूथ एक कॉमन फीचर है और कई लोग लगातार इसका इस्तेमाल करते हैं। स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप में ब्लूटूथ दिया ही गया होता है। फाइल को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस में ट्रांसफर करने के लिए ब्लूटूथ की जरूरत तो होती ही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डिवाइस में मौजूद ब्लूटूथ जितना सुविधाजनक है उतना ही खतरनाक भी है। हैकर्स ब्लूटूथ के जरिए आपकी डिवाइस को हैक कर आपकी बैंक की जानकारियां भी हासिल कर सकते हैं। इसे  ब्लू बगिंग भी कहा जाता है। ब्लूटूथ हैकिंग कैसे की जाती है और इससे आप कैसे सुरक्षित रह सकते हैं इसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

कैसे होती है ब्लूटूथ हैकिंग
हैकर्स एक स्पेसिफिक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं जो ऑटोमेटिकली ही उन डिवाइसेज का पता लगाता है जो ब्लूटूथ से लैस होती हैं। हैकर्स यह भी देख सकते हैं कि आपकी डिवाइस पहले किन नेटवर्क से कनेक्टेड है। पहले से कनेक्टेड नेटवर्क को फोन काफी विश्वसनीय मानता है और भविष्य में ऑटोमेटिकली उन्हीं से कनेक्ट करता है। अगर साइबर क्रिमिनल आपकी डिवाइस के एक विश्वसनीय नेटवर्क को जान लेते हैं तो वो उसी के जरिए आपकी डिवाइस से कनेक्ट करते हैं। इसके बाद आपकी डिवाइस को हैक कर लिया जाता है। फिर हैकर्स डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल करते हैं। इनके जरिए हैकर्स आपकी जासूसी करते हैं। आपके टेक्स्ट मैसेज पढ़ते हैं और डाटा भी चुरा सकते हैं।

सुरक्षित होने के लिए करें ये उपाय
जब भी ब्लूटूथ इस्तेमाल में न हो उसे अपनी डिवाइस से डिसेबल कर दें। अगर आप फाइल ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आप एयर ड्रॉप या फास्ट शेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्लूटूथ सर्विसेज की एक्सेसिबिलिटी को सीमित कर दें। इससे ब्लूबगिंग से बचा जा सकता है। सुनिश्चित करें कि आपके स्मार्टफोन, टैबलेट और ब्लूटूथ इनेबल्ड कंप्यूटर्स में एक एंटी मैलवेयर ऐप इंस्टॉल है। अगर कोई हैकर आपके डिवाइस में सेंध लगाने की कोशिश करता है, तो एंटी-मैलवेयर ऐप आपकी गोपनीयता और व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा करते हुए संदिग्ध गतिविधि का पता लगा सकता है और उसे ब्लॉक कर सकता है।


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Content Writer

Anil dev

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