मेक इन इंडिया की नई मिसाल, भारत में किया गया तेजस के प्रमुख पार्ट्स का निर्माण
punjabkesari.in Monday, Mar 10, 2025 - 12:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बेंगलुरु में एचएएल (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) को तेजस मार्क-1ए जेट का पहला रियर फ्यूजलेज सौंपा, जो अब तक निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादित किया गया है। यह कदम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भारत की प्रगति और सरकार की सार्वजनिक-निजी साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है। इस मौके पर भारतीय वायु सेना (IAF) प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह भी उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री ने कहा- यह भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और सरकार की सार्वजनिक-निजी साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। HAL और निजी क्षेत्र मिलकर भारतीय सशस्त्र बलों को नवीनतम प्लेटफॉर्म और तकनीकों से सशक्त बना रहे हैं। HAL अपनी रणनीतियों और एकीकृत मॉडल के माध्यम से न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रहा है, बल्कि भारतीय रक्षा निर्माण को नई दिशा भी दे रहा है।
HAL ने तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान के लिए प्रमुख मॉड्यूल आपूर्ति करने के लिए लार्सन एंड टुब्रो (L&T), अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, वीईएम टेक्नोलॉजीज और लक्ष्मी मिशन वर्क्स जैसी भारतीय निजी कंपनियों से आदेश दिए हैं।
इससे पहले भारतीय वायु सेना प्रमुख ने HAL की निर्माण प्रक्रिया पर आलोचना की थी। अब तक वायु सेना को 8,802 करोड़ रुपये के दो अनुबंधों के तहत 2006 और 2010 में किए गए पहले 40 तेजस मार्क-1 विमानों में से 38 मिल चुके हैं। हालांकि, 2021 में HAL से किए गए 46,898 करोड़ रुपये के समझौते के तहत 83 तेजस मार्क-1ए विमानों में से पहला "सुधारित" विमान अभी तक नहीं दिया गया है। इसके अलावा 67,000 करोड़ रुपये के अगले 97 तेजस मार्क-1ए विमानों का आदेश भी पाइपलाइन में है। एक प्रमुख कारण तेजस विमानों की डिलीवरी में देरी का कारण बना है। वह है अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक द्वारा 99 जीई-404 इंजनों की आपूर्ति में लगभग दो साल की देरी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, HAL अब तक तेजस मार्क-1ए विमानों के लिए 12 रियर फ्यूजलेज का निर्माण कर चुका है, जो अब उत्पादन लाइन में विमान में लगाए जा रहे हैं। इस आपूर्ति के साथ एक प्रमुख संरचनात्मक मॉड्यूल जो भारतीय निजी साझेदार द्वारा उत्पादित किया गया है। उसे तेजस मार्क-1ए विमान में जोड़ा जाएगा, जिससे HAL को 2025-26 से भारतीय वायु सेना के लिए अतिरिक्त डिलीवरी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।