VIDEO: 150 सालों में पहली बार दिखा ऐसा चंद्रग्रहण
punjabkesari.in Wednesday, Jan 31, 2018 - 11:13 PM (IST)
नई दिल्लीः साल 2018 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण आज रात पूरे भारत में आकर्षण का केंद्र रहा। हालांकि, भारत में इसे आंशिक तौर पर देखा जा सका। ग्रहण के वक्त चांद का रंग लाल तांबे जैसा हो गया था।
वहीं, खगोल-विज्ञान में दिलचस्पी रखने वाले लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में बने तारामंडलों से चांद का दीदार कर रहे थे।
मुंबई के नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद परांजपे ने बताया कि ऐसा दूसरा चंद्र ग्रहण 28 जुलाई को होगा और वह भारत में पूरा दिखाई देगा। चांद आज तीन रूपों - ‘सुपर मून’, ‘ब्लू मून’ और ‘ब्लड मून’ - में दिखा। चांद का दीदार करने वालों ने दशकों बाद ‘सुपर मून’ देखा। ‘सुपर मून’ में चांद ज्यादा बड़ा और चमकीला दिखाई देता है क्योंकि यह धरती के करीब होता है।
‘ब्लू मून’ किसी कैलेंडर महीने में दूसरा पूर्ण चंद्र होता है और ‘ब्लड मून’ शब्द का इस्तेमाल ग्रहण के लाल रंग के लिए किया जाता है। आज के चंद्र ग्रहण को दुनिया के कई हिस्सों में देखा गया। दिल्ली के इंडिया गेट इलाके में सैकड़ों छात्र चांद का दीदार करने के लिए इकठ्ठा हुए।
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इस ग्रहण का प्रभाव सर्वाधिक रूप से घर में पानी की टंकियों, पीने वाले पानी के स्त्रोत, घर में लगे मार्बल के पत्थर, दूध तथा चांदी के सभी जेवरात पर आएगा। इस ग्रहण के कारण मनोरोग जैसी समस्याएं आमजन में बढ़ने की संभावना है। गर्भवती महिलाओं को गर्भ में पानी की कमी डिहाईड्रेशन, टांगों में सूजन तथा दमा की शिकायत और ह्रदय घात जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस ग्रहण के कारण अकस्मात मौसम में बदलाव बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, घरों में सीलन, विधवा और विदुर लोगों को कष्ट, कुंवारी कन्याओं पर अत्याचार जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं। यह ग्रहण सही मायनो में पानी से जुड़ी हर वस्तु को प्रभावित करेगा।
ये ग्रहण बुध के नक्षत्र अश्लेषा और चन्द्रमा के नक्षत्र के बीच में घमासान मचाएगा। इसी कारण सर्वाधिक रूप से जल और प्रकृति प्रभावित होंगे।
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आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com