Meera bai temple Vrindavan: राधा कृष्ण का अनोखा भक्त, ऐसी भक्ति देख आप भी रो पड़ेंगे

punjabkesari.in Friday, Apr 19, 2024 - 11:33 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Meera bai temple Vrindavan: कहते हैं बांके बिहारी जिस पर भी अपनी नज़र डाल दें, फिर वो कभी भी किसी ओर का नहीं हो सकता क्योंकि जब वो मोहन मुरारी की लीलाओं को जान लेता है तो उसे उनके अलावा कोई और नहीं भाता है। आज हम एक ऐसे ही कृष्ण दीवाने से आपको मिलाने जा रहे हैं, जो मोह माया त्याग कर वृंदावन की भूमि में बसेरा लगाने आ गए हैं और कृष्ण प्रेम की धुन पर नृत्य कर सांवरे को रिझाते हैं।

PunjabKesari Meera bai temple Vrindavan

हम बात कर रहे हैं आशीष सिंह की जो कि वाराणसी के कबीरचौरा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन्होंने कथक नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा पद्मा विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी की सुयोग्य शिष्या श्रीमती संगीता सिन्हा जी से प्राप्त की। इसके अलावा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय से कथक नृत्य में बैचलर डिग्री और मास्टर्स की डिग्री वर्ष 2007 से 2012 में प्राप्त की। इनको वर्ष 2010 से 2012 तक मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई।

वर्तमान में आशीष श्री धाम वृन्दावन में निवास करते हुए अपनी नृत्य की आराधना कर रहे हैं। आशीष ने अपनी नृत्य कला को पूर्ण रूप से भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के चरणों में समर्पित कर दिया है और वृन्दावन धाम में स्थित भक्त शिरोमणि मीरा बाई सा के मंदिर परिसर में नित्य प्रति अपनी नृत्य आराधना करते हैं।

"आशीष कहते हैं की मैं परम सौभाग्यशाली हूं, जो हमे श्री वृन्दावन धाम में रहने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। काशी विश्वनाथ बाबा महादेव की असीम कृपा है, जो अपनी कला को स्वयं नटराज योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के चरणो में समर्पित करने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। इसके लिए मैं परम दयालू करुणा से भरी किशोरी राधा रानी जी के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम करता हूं।

PunjabKesari Meera bai temple Vrindavan

कथक नर्तक आशीष सिंह वृन्दावन ने बताया मीरा बाई मंदिर के पूर्व सेवायत आदरणीय श्री प्रद्युम्न प्रताप सिंह जी कहा करते थे। मीरा बाई जी की कृपा से जो नृत्य में निखार आ रहा अब वो समाज के लोगों को भी देखने को मिले। आशीष को अपनी कला  दिखाने के लिए एक अच्छा मंच मिलना चाहिए।

बता दें, इन्होंने पद्मा विभूषण पंडित बिरजू महाराज जी की कार्यशालाओं में भी भाग लिया ओर नृत्य की बारीकियां सीखी। इसके साथ-साथ देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी नृत्य की प्रस्तुती देते रहे। बॉम्बे, लखनऊ, प्रयागराज, दिल्ली, आगरा, जयपुर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बनारस, भदोही, मिर्जापुर जबलपुर, गुवहाटी, शिलोंग आदि के साथ-साथ अपने चाइना के नैनिंग शहर में दर्जनों नृत्य प्रस्तुतियां वर्ष 2015 में दी। ये कथक कार्यशालाओं के माध्यम से अलग-अलग शहरों में जाकर बच्चों को कथक नृत्य की तालीम प्रदान करते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News