Hit And Run Punishment: हिट एंड रन केस में मिल सकती है इतनी सजा, जानें क्या कहते हैं नए नियम?
punjabkesari.in Wednesday, Jul 16, 2025 - 11:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क। दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक के रूप में विख्यात फौजा सिंह की सड़क हादसे में मौत के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पंजाब के जालंधर जिले की देहात पुलिस ने मंगलवार देर रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद कर ली गई है। इस केस को हिट एंड रन का मामला माना जा रहा है और आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 281 (लापरवाह तरीके से गाड़ी चलाना) और धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया है। अब सवाल यह है कि यदि पुलिस हिट एंड रन की धाराएं लगाती है तो आरोपी को कितनी सजा हो सकती है?
जुलाई 2023 से सख्त हुए सजा के नियम
दिल्ली हाई कोर्ट के वकील सुभाष तंवर से हुई बातचीत के अनुसार भारत में हिट एंड रन जैसे मामलों में सजा का प्रावधान पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत किया जाता था लेकिन जुलाई 2023 से लागू भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत नियम ज़्यादा सख्त हो गए हैं। हिट एंड रन केस में सजा पीड़ित को लगी चोट, गंभीर चोट या मौत होने के आधार पर तय होती है। यदि ड्राइवर हिट करके भाग जाता है तो सजा सुनाते समय इस पहलू को भी ध्यान में रखा जाएगा।
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क्या हैं धाराएं और कितनी होगी सजा?
वकील सुभाष ने बताया कि हिट एंड रन तब माना जाता है जब चालक दुर्घटना के बाद न तो रुकता है न ही पीड़ित को सहायता प्रदान करता है और न ही पुलिस को सूचित करता है।
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मृत्यु होने पर: भारत में हिट एंड रन केस में अगर पीड़ित की मौत हो जाती है तो 7 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
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घायल होने पर: घायल होने पर 6 महीने तक की कैद हो सकती है।
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इसके अलावा जुर्माना और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने की सजा भी मिल सकती है। सजा हादसे के परिणाम ड्राइवर की लापरवाही और सबूतों पर निर्भर करेगी।
साल 2023 से पहले IPC की धारा 304A के तहत इस स्थिति में अधिकतम 2 साल की जेल की सजा होती थी।
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भारतीय न्याय संहिता (BNS) में धारा 106 के तहत हिट एंड रन केस की सजा का प्रावधान सख्त नियमों के साथ किया गया है:
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धारा 106(1): यदि लापरवाही बरतते हुए ड्राइविंग की जाती है और टक्कर लगने से किसी की मौत हो जाती है लेकिन चालक घटनास्थल से भागने की बजाय पुलिस को सूचना दे देता है तो इस धारा के तहत केस दर्ज होता है। इस स्थिति में 5 साल तक की कैद हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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धारा 106(2): यदि टक्कर मारने वाला मौके से फरार हो जाता है तो यह धारा लागू होगी। इस धारा के तहत 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना लग सकता है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत भी सजा का प्रावधान
बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत भी हिट एंड रन केस में धाराएं जोड़ी जाती हैं और एक्ट की धाराओं के तहत निर्धारित सजा मिलती है:
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धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग): 6 महीने की कैद या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
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धारा 185 (नशे में ड्राइविंग): पहली बार में 6 महीने की कैद या 2000 रुपये जुर्माना या दोनों दूसरी बार में 2 साल की कैद या 3000 रुपये जुर्माना या दोनों लग सकते हैं।
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धारा 161 (मुआवजा): हिट एंड रन केस में अगर एक्ट की धारा 161 जोड़ी जाती है तो मामले में मौत होने पर या गंभीर रूप से घायल होने पर पीड़ित को मुआवजा दिलाया जाता है।
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कौन है फौजा सिंह का आरोपी?
14 जुलाई 2025 को 114 साल के मैराथन रनर फौजा सिंह को उनके गाँव में एक फॉर्च्यूनर कार से टक्कर मारी गई थी जिससे उनकी जान चली गई। उन्हें टक्कर मारने वाला एक NRI है जिसकी पहचान जालंधर की करतारपुर सब-तहसील के दासूपुर गाँव निवासी 32 वर्षीय अमृतपाल सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने उसकी कार भी जब्त कर ली है जिसका नंबर PB20 C 7100 है। आरोपी अमृतपाल को थाना भोगपुर में रखा गया है। SSP हरविंदर सिंह विर्क ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
प्राथमिक पूछताछ में अमृतपाल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसके पिता सुखवंत सिंह का निधन हो चुका है उसकी 3 बहनें हैं और उसकी माँ कनाडा में रहती है। अमृतपाल 8 दिन पहले ही कनाडा से आया था।