भारतीय नर्स निमिषा ही नहीं, दुनिया की जेलों में इतने भारतीयों को सुनाई गई फांसी की सजा

punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 12:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: यमन में फांसी की सजा पाए भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की कहानी आज देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। 38 साल की केरल की रहने वाली निमिषा को यमन की अदालत ने 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया था। तीन साल बाद, 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। इसके बाद भी उनका परिवार और सरकार उनकी फांसी रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। निमिषा की अंतिम अपील 2023 में खारिज कर दी गई और अब उनकी फांसी 16 जून को निर्धारित है। निमिषा की फांसी रोकने के लिए कई तरह के प्रयास हो रहे हैं, जिनमें पीड़ित परिवार को ब्लड मनी (मुआवजा) देने का प्रस्ताव भी शामिल है। निमिषा के परिवार ने 10 लाख डॉलर की रकम देने की पेशकश की है ताकि उनकी सजा माफ की जा सके।

भारत के 54 नागरिक विदेशी जेलों में फांसी की सजा का सामना कर रहे

निमिषा अकेली नहीं हैं, विदेशों में कई भारतीय नागरिक ऐसे हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। विदेश मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, दुनिया के अलग-अलग देशों की जेलों में 54 भारतीय फांसी की सजा झेल रहे हैं। ये सभी मुख्य रूप से खाड़ी देशों में हैं।

  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 29 भारतीयों को मौत की सजा मिली है।

  • सऊदी अरब में 12 भारतीय फांसी के मुकदमे में फंसे हुए हैं।

  • कुवैत में 3 और कतर में एक भारतीय को फांसी की सजा मिली है।

यह संख्या दर्शाती है कि कई भारतीय विदेशों में गंभीर आरोपों के चलते फांसी के खतरे में हैं।

विदेश मंत्रालय और राज्य सरकार की कोशिशें

निमिषा की फांसी रोकने के लिए विदेश मंत्रालय ने कई पहल शुरू की हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि वे सभी कानूनी और कूटनीतिक रास्तों को आजमाते हुए निमिषा को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर निमिषा की जान बचाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि निमिषा की फांसी को रोकना जरूरी है, क्योंकि उसकी सजा से भारतीयों के लिए विदेशों में सुरक्षा के मुद्दे और भी गंभीर हो जाएंगे।

ब्लड मनी का प्रस्ताव और कानूनी प्रक्रिया

निमिषा के परिवार ने जिस ब्लड मनी का प्रस्ताव रखा है, वह यमन की स्थानीय कानून व्यवस्था का हिस्सा है। यमन में कई मामलों में पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के बाद दोषी की सजा को कम या माफ किया जा सकता है। परिवार की तरफ से 10 लाख डॉलर का मुआवजा प्रस्तावित है, जिसे यमन की सरकार और कोर्ट के सामने रखा जाएगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से भी मंजूरी मांगी गई है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोर्ट इस प्रस्ताव को मंजूरी देगी या नहीं।

विदेशों में फांसी की सजा क्यों मिलती है?

विदेशों में फांसी की सजा पाने वाले भारतीय आमतौर पर कई तरह के आरोपों का सामना करते हैं, जिनमें हत्या, ड्रग्स, धोखाधड़ी, और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। कई बार, भारतीय नागरिकों को स्थानीय कानूनों की जानकारी न होने के कारण भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खाड़ी देशों में विशेष रूप से सख्त कानून लागू होते हैं, जहां अपराधों पर फांसी की सजा का प्रावधान है। इसलिए भारतीयों को वहां जाने से पहले अपने अधिकारों और कानूनों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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