सस्ते घरों की स्कीम में निगरानी के लिए मकान मालिक की बनेगी पासबुक

punjabkesari.in Wednesday, Sep 06, 2017 - 05:22 PM (IST)

नई दिल्‍लीः प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के नाम पर होने वाली धांधलियों पर अंकुश लगाने और स्‍कीम का लाभ सही व्‍यक्ति को मिल सके। इसके लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है। योजना के तहत घर पाने वाले हरेक पात्र लाभार्थी को बैक की तरह एक पासबुक दी जाएगी। इसमें घर के कंस्ट्रक्शन से लेकर सरकार द्वारा मिलने वाली गांट का पूरा ब्यौरा रिकार्ड किया जाएगा।

ये है पासबुक स्‍कीम
मिनिस्‍ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स ने एक पासबुक जारी की है। यह पासबुक हर उस लाभार्थी को दी जाएगी,जिसको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चुना जाएगा। इस पास बुक की एक कॉपी यूएलबी (अर्बन लोकल बॉडी जैसे नगर निगम) के पास रहेगी। इस पासबुक में हितग्राही का पूरा नाम, पता, उसकी आईडी, आधार नंबर, वोटर आईडी नंबर, फैमिली डिटेल, बैंक डिटेल आदि रिकॉर्ड की जाएगी। साथ ही उस जगह की भी पूरी जानकारी होगी, जहां घर बनना है।

3 लाख सालाना इनकम  
पीएमएवाई के तहत चार कैटेगिरी हैं। इनमें से एक है, बेनेफिशयरी लेड कंस्‍ट्रक्‍शन। इस स्‍कीम के तहत केंद्र और राज्‍य सरकार द्वारा घर बनाने के लिए ग्रांट दी जाती है। केंद्र द्वारा डेढ़ लाख रुपए की ग्रांट दी जाती है। इतनी ही रकम राज्‍य सरकार देती है। स्‍कीम में चुने गए लाभार्थी के.पास जमीन होनी चाहिए और उसके पास पक्‍का घर नहीं होना चाहिए। उसकी सालाना इनकम 3 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।

खाते में पहुंचेगी ग्रांट राशि 
योजना में हितग्राही को कंस्‍ट्रक्‍शन लेवल पर चार किस्‍तों में ग्रांट मिलेगी। ग्रांट की राशि उसके बैंक अकाउंट में पहुंचेगी। इसमें केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की ग्रांट बैंक अकाउंट में पहुंचेगी। इसके अलावा ट्रांजैंक्‍शन का पूरा ब्‍यौरा पास बुक में दर्ज होगा।

इस तरह मिलेगी पूरी ग्रांट 
मिनिस्‍ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के एक अधिकारी के मुताबिक बेनेफिशयरी को ग्रांट की पहली किस्‍त प्लिन्‍थ लेवल पर दी जाएगी। दूसरी किस्‍त लिंटल लेवल पर दी जाएगी। तीसरी किस्‍त रूफ लेवल पर दी जाएगी और अंतिम किस्‍त फिनिशिंग कंप्‍लीशन लेवल पर दी जाएगी। हर अगली किस्‍त तब जाएगी, जब बेनिफिशयरी यह दावा करेगा कि उसने पहली किस्‍त की 70 फीसदी रकम घर बनाने में लग चुकी है। साथ ही कंस्‍ट्रक्‍शन की वास्‍तविक स्थिति भी बतानी होगी।

इसलिए रुक सकती है ग्रांट 
सरकार ने यह भी तय किया है कि लाभार्थी को केवल इसलिए ग्रांट नहीं दी जाएगी कि उसने मकान बना लिया है, ग्रांट की अगली किस्‍त तब दी जाएगी, जब वह यह जानकारी भी देगा कि उसने घर में वाटर सप्‍लाई, इलेक्ट्रिसिटी सप्‍लाई और टॉयलेट बन रहा है या नहीं। इस आधार पर पूरी ग्रांट दी जाएगी।  


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