17 साल की प्लानिंग, डिजाइन और मेहनत: जानिए कौन हैं माधवी लता, चिनाब ब्रिज बनाने में जिन्होंने निभाई अहम भूमिका
punjabkesari.in Sunday, Jun 08, 2025 - 05:17 AM (IST)

नेशनल डेस्कः दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल – चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) – अब बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है। इस ऐतिहासिक पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किया। यह पुल न केवल भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक नई कनेक्टिविटी का द्वार भी है।
यह पुल उधमपुर-स्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 272 किलोमीटर है। यह प्रोजेक्ट साल 2003 में मंज़ूर हुआ था।
प्रो. जी माधवी लता: पुल की मजबूती की असली हीरो
इस पुल के निर्माण में एक बड़ा और अहम योगदान दिया है प्रोफेसर जी माधवी लता ने, जो भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु में प्रोफेसर हैं। वे पिछले 17 सालों से इस प्रोजेक्ट से जुड़ी रही हैं और बतौर जियोटेक्निकल कंसल्टेंट काम कर रही थीं।
उन्होंने निर्माण कंपनी Afcons के साथ मिलकर पुल की प्लानिंग, डिज़ाइन और निर्माण में तकनीकी सहयोग दिया। इस इलाके की कठिन भूगोलिक परिस्थितियों (जैसे टूटी-फूटी चट्टानें, छिपे हुए गड्ढे और असमान चट्टानों की बनावट) के बीच काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण था।
“Design-As-You-Go” तरीका अपनाया गया
प्रो. लता और उनकी टीम ने “Design-As-You-Go” नामक तरीका अपनाया, यानी जैसे-जैसे जमीन की स्थिति सामने आती गई, वैसे-वैसे डिज़ाइन में बदलाव किए गए। यह तरीका खास तब अपनाया जाता है जब पहले की गई सर्वे रिपोर्टें ज़मीन की असली स्थिति को ठीक से न दर्शा पाएं।
उनकी टीम ने पुल की मजबूती के लिए रॉक एंकरिंग, डिज़ाइन बदलाव और कई तकनीकी गणनाएं कीं जिससे इस पुल को सुरक्षित और स्थायी बनाया जा सके।
प्रो. माधवी लता कौन हैं?
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शिक्षा:
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B.Tech (सिविल इंजीनियरिंग) – जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (1992) – फर्स्ट क्लास विद डिस्टिंक्शन
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M.Tech – NIT वारंगल – गोल्ड मेडल के साथ
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PhD – IIT मद्रास (2000) – जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में
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पुरस्कार:
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2021: भारतीय जियोटेक्निकल सोसाइटी द्वारा "सर्वश्रेष्ठ महिला शोधकर्ता" का पुरस्कार
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2022: भारत की शीर्ष 75 महिला STEAM नेताओं में नाम शामिल
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उन्होंने हाल ही में “Design as You Go: The Case Study of Chenab Railway Bridge” नाम से एक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किया है।
चिनाब ब्रिज की खास बातें
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ऊंचाई: 359 मीटर – यह पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है
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लागत: लगभग ₹1,486 करोड़
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स्थान: रियासी ज़िले में चिनाब नदी के ऊपर
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महत्व:
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भारत के रेलवे इतिहास की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती
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कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने में करेगा महत्वपूर्ण भूमिका
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पर्यटन और व्यापार में तेजी लाने में मदद करेगा
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यह पुल भारत की इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता का एक अद्भुत उदाहरण है, और इसमें महिलाओं की भागीदारी – खासकर प्रो. माधवी लता जैसी वैज्ञानिक – देश को गर्व महसूस कराती हैं।