क्या होता है ब्लू कॉर्नर नोटिस, इंटरपोल क्यों करता है इसे जारी और कितना होता है पावरफुल? जानें सबकुछ
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 05:13 PM (IST)
नेशनल डेस्क : गोवा पुलिस की लगातार कोशिशों और केंद्रीय एजेंसियों के मजबूत सहयोग की वजह से इंटरपोल ने सौरभ और गौरव के खिलाफ केवल दो दिन में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। यह नोटिस आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने और उन्हें किसी दूसरे देश में प्रवेश करने से रोकने में अहम भूमिका निभाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सौरभ और गौरव रविवार सुबह करीब 5.30 बजे फुकेट, थाईलैंड के लिए इंडिगो की फ्लाइट में सवार हुए थे। उनका मकसद आधी रात को लगी आग के बाद गिरफ्तारी या पूछताछ से बचना था। हालांकि, अब इंटरपोल की ब्लू कॉर्नर नोटिस के कारण भागना लगभग नामुमकिन हो गया है।
इंटरपोल और ब्लू कॉर्नर नोटिस का महत्व
इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन यानी इंटरपोल दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुलिस नेटवर्क है। इसकी स्थापना 1923 में फ्रांस के ल्योन शहर में हुई थी और वर्तमान में 190 से अधिक देश इसके सदस्य हैं। प्रत्येक देश में इंटरपोल का नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) कार्यरत होता है। भारत में यह जिम्मेदारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पास है।
इंटरपोल सीधे किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं करता बल्कि अपराध संबंधित जानकारी एकत्रित कर संबंधित देश की पुलिस एजेंसियों को उपलब्ध कराता है। इंटरपोल द्वारा कलर-कोडेड नोटिस जारी किए जाते हैं, जिनमें अपराधियों की फोटो, लोकेशन, डॉक्यूमेंट्स, क्रिमिनल बैकग्राउंड और भाषा जैसी डिटेल्ड जानकारी शामिल होती है।
इंटरपोल द्वारा जारी किए जाने वाले मुख्य नोटिस
ब्लू नोटिस: संदिग्ध गतिविधियों वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी जुटाने के लिए, गिरफ्तारी के आदेश के बिना।
रेड नोटिस: भगोड़े या कुख्यात अपराधी की लोकेशन पता करने और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तार करने के लिए।
येलो नोटिस: लापता लोगों को ढूंढने के लिए।
ब्लैक नोटिस: किसी देश में अज्ञात शव मिलने पर।
ग्रीन नोटिस: देश या समाज की सुरक्षा के लिए खतरा मोल लेने वाले व्यक्ति के खिलाफ।
ऑरेंज नोटिस: गंभीर और संभावित खतरे की जानकारी देने के लिए।
पर्पल नोटिस: अपराधियों की नई तकनीक या उपकरणों के बारे में जानकारी के लिए।
इंटरपोल-UN स्पेशल नोटिस: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधित आतंकियों और संगठनों के खिलाफ।
सह-मालिक अजय गुप्ता गिरफ्तार
इस मामले में आरोपी अजय गुप्ता को दिल्ली से हिरासत में लिया गया है। अजय के खिलाफ पहले लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। अग्निकांड के समय जब पुलिस टीम उनके घर गई, तो वह वहां नहीं मिला था। हालांकि, बाद में पुलिस ने उन्हें अस्पताल से पकड़ लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अजय गुप्ता को गोवा लाने की कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले में अब तक छह लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं।
गोवा पुलिस की गिरफ्तारी
पुलिस ने इस हादसे में शामिल पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें नाइट क्लब के चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोदक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजीव सिंघानिया, गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर और कर्मचारी भरत कोहली शामिल हैं। गोवा पुलिस की यह कार्रवाई और इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस सुनिश्चित करता है कि सौरभ और गौरव किसी भी अन्य देश में भागकर बच न सकें और इस गंभीर अग्निकांड की जांच में तेजी आए।
