'केजरीवाल का वजन घटा नहीं बल्कि बढ़ा है', अंतरिम जमानत पर कोर्ट में सुनवाई के वक्त बोली ED

punjabkesari.in Saturday, Jun 01, 2024 - 03:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण से पहले अपनी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की है। केजरीवाल ने अपनी खराब सेहत और मेडिकल टेस्ट का हवाला देते हुए 7 दिन की और अंतरिम जमानत की गुहार लगाई है। इस मामले की सुनवाई में केजरीवाल की तरफ से एन हरिहरन और जांच एजेंसी ईडी की तरफ से ASG एसवी राजू पेश हुए।  सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी ऑनलाइन सुनवाई में जुड़े और उन्होंने तर्क दिया कि केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह 2 जून को सरेंडर करेंगे। उन्होंने कोर्ट के आदेश का इंतजार करने का कोई जिक्र नहीं किया था। 

केजरीवाल ने कोर्ट को गुमराह किया
हरिहरन ने कहा कि जो बयान केजरीवाल ने दिया उनको इसके बारे में जानकारी नहीं है। वो राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं। तुषार मेहता ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने कोर्ट को गुमराह किया है और तथ्यों को छिपाया है।स्वास्थ्य स्थितियों सहित कई तथ्यों को छुपाया गया है। ASG राजू ने तर्क दिया कि यह अंतरिम जमानत केवल चुनाव प्रचार के लिए थी और केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश में कहीं भी यह नहीं कहा गया कि केजरीवाल अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल कर सकते हैं। 

चुनाव प्रचार के लिए मिली थी अंतरिम जमानत
ASG राजू ने जोर देकर कहा कि केजरीवाल की याचिका को खारिज कर देना चाहिए। जहां तक नियमित जमानत का सवाल है तो उन्हें हिरासत में होना चाहिए। आज की तारीख में वो हिरासत में नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी, और अब वे इस अदालत से जमानत बढ़ाने की मांग नहीं कर सकते। केजरीवाल को अंतरिम जमानत राउज एवेन्यू कोर्ट से नहीं मिली है, वो सुप्रीम कोर्ट से मिली है तो इस कोर्ट से अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग कैसे कर सकते हैं।

ASG राजू ने कहा कि PMLA की धारा 45 के तहत जमानत की दोहरी शर्त का प्रावधान अंतरिम जमानत पर भी लागू होता है। यहां भी कोर्ट को जमानत देने से पहले इस पहलू पर संतुष्ट होना होगा कि केजरीवाल के खिलाफ केस बनता ही नहीं है। अरविंद ने इस कोर्ट को इस बाबत अपनी याचिका में नहीं बताया कि उन्होंने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अदालत से तथ्यों को छिपाया है और अपनी बीमारी को ढाल बनाकर अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है।

इतना ही नहीं तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अरविंद को 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करना है। क्या ये अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मोडीफाई कर सकती है? मेरी जानकारी के मुताबिक तो नहीं। केवल सुप्रीम कोर्ट ही उसमें कोई बदलाव या सुधार कर सकता है।

केजरीवाल का वजन कम नहीं हुआ है
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब अंतरिम जमानत दी थी तब भी इनकी तरफ से तारीख को बढ़ाने की मांग की गई थी। ये 5 जून की कह रहे थे। लेकिन अदालत ने मना कर दिया था। अरविंद ने कल शुक्रवार को भी जनता के सामने कहा कि वो 2 जून को सरेंडर करेंगे। ये बात उन्होंने अपने वकील से भी छिपाई। मेहता ने आगे दलील दी कि अरविंद मेडिकल टेस्ट कराने के बजाए लगातार रैलियां और रोड शो कर रहे थे। इसका मतलब है कि वो बीमार नहीं हैं। मेहता ने यह भी बताया कि केजरीवाल का वजन कम नहीं हुआ है, बल्कि एक किलो बढ़ गया है, जो उनके दावे के विपरीत है। अब देखना यह है कि राउज एवेन्यू कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर क्या फैसला सुनाती है।

 


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Content Editor

Mahima

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