दिल्ली में Kashmiri Students ने अटल इनोवेशन मिशन में बिखेरा जलवा

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2025 - 03:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क। कश्मीर के छात्रों ने दिल्ली में आयोजित अटल टिंकरिंग मैराथन (Atal Tinkering Marathon) में अपनी नई तकनीकी इनोवेशन से सभी का ध्यान आकर्षित किया और अपना जलवा बिखेरा। इस प्रतियोगिता के तहत राज्य के स्कूलों ने इस बार बड़ी सफलता हासिल की है। पूरे प्रदेश से लगभग 1,627 टीमों ने 20,000 से अधिक प्रोजेक्ट्स पेश किए। इनमें से एक प्रोजेक्ट खास तौर पर चर्चा का विषय बना जिसमें एक छात्र ने अपनी दादी की मदद के लिए पिल डिस्पेंसर डिवाइस बनाया।

सेंसर-आधारित पिल डिस्पेंसर

बारामुला के रहने वाले तौफीक शोएब ने अपनी दादी के डिमेंशिया (मनोविकार) से पीड़ित होने और गलत दवाएं लेने की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक स्मार्ट सेंसर-आधारित पिल डिस्पेंसर बनाया। इस डिवाइस का मुख्य कार्य है सही समय पर अलार्म बजाकर दवाएं देना, ताकि दवाओं की सही खुराक समय पर मिल सके। शोएब ने इस प्रोजेक्ट पर बारामुला के फतेहगढ़ स्थित स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब में काम किया और इसे अटल टिंकरिंग मैराथन 2023-24 में पेश किया।

 

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बायोमेट्रिक इंजन

तौफीक के अलावा 18 वर्षीय शाहिदा बानो ने भी अपनी तकनीकी सोच का परिचय देते हुए एक नया डिवाइस 'बायोमेट्रिक इंजन' तैयार किया। यह डिवाइस ड्राइवर के बायोमेट्रिक डेटा को आधार कार्ड से जोड़ता है और यह सुनिश्चित करता है कि यदि ड्राइवर 18 वर्ष से कम उम्र का है तो वाहन का इंजन स्टार्ट नहीं होगा। इसका उद्देश्य कम उम्र के ड्राइवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है।

क्या है अटल टिंकरिंग मैराथन?

हर साल भारत के 20,000 से ज्यादा स्कूल अटल टिंकरिंग मैराथन में भाग लेते हैं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में नवाचार (इनोवेशन) को बढ़ावा देना है। देशभर में 10,000 से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स छात्रों को नई समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

 

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अटल इनोवेशन मिशन का महत्व

अटल इनोवेशन मिशन जो नीति आयोग द्वारा चलाया जाता है भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक अहम पहल है। यह मिशन छात्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक सोच विकसित करने का अवसर देता है ताकि वे समाज की समस्याओं का समाधान खोज सकें। अटल टिंकरिंग लैब्स और मैराथन जैसे कार्यक्रम भारतीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

वहीं बता दें कि कश्मीर के छात्रों ने इस बार अपनी तकनीकी सोच और नवाचार से यह साबित किया है कि वे भविष्य में देश के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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