दिल्ली में दिल दहला देने वाला हादसा, रैन बसेरे में आग लगने से 2 लोग जिंदा जले

punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 01:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के वसंत विहार इलाके में रविवार देर रात एक रैन बसेरे में भीषण आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई। दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान अर्जुन (18) और विकास (42) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि वसंत विहार के कुली कैंप स्थित रैन बसेरे में आग लगने की सूचना देर रात तीन बजकर 28 मिनट पर मिली थी। अधिकारी ने कहा, “हमने दमकल की चार गाड़ियों को मौके पर भेजा और आग में झुलसे दो लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।” पुलिस ने एक बयान में बताया कि रैन बसेरा ‘एसपीवाईएम' एनजीओ द्वारा संचालित है और घटना के समय उसमें सात लोग सो रहे थे।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वसंत विहार थाने को देर रात लगभग सवा तीन बजे आग लगने की सूचना मिली। अधिकारी ने बताया, “एक टीम घटनास्थल पर पहुंची, जहां दमकल कर्मी पहले से ही आग बुझाने में लगे हुए थे। पांच लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि अर्जुन और विकास ने दम तोड़ दिया।” पुलिस ने बताया कि दोनों शव झुलसी हुई हालत में बरामद किए गए। पुलिस के मुताबिक, इसके बाद वसंत विहार थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 व 106 के तहत मामला दर्ज किया गया और आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। इस घटना के गवाह स्थानीय लोगों ने बताया कि आग तेजी से फैली, जिससे अस्थायी आश्रय में शरण लेने वाले लोगों को बाहर निकलने का ज्यादा समय नहीं मिला।

आश्रय स्थल के पास रहने वाले अमरजीत ने बताया, “मैं सो रहा था कि तभी लगभग तीन बजे एक तेज धमाके जैसी आवाज से मेरी नींद टूट गई।” अमरजीत ने बताया कि जब वह बाहर निकला, तो उसने भीषण आग देखी और कुछ लोग किसी तरह बाहर भागे, जबकि कुछ मदद के लिए चिल्ला रहे थे। अमरजीत ने बताया, “मैंने उन सभी को बचाने की कोशिश की, जिन तक मैं पहुंच सका।” उसने बताया कि आग तेजी से फैली और संकरी गलियों में अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि लोग फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे थे।

स्थानीय लोगों ने यह भी दावा किया कि अस्थायी आश्रय स्थल की बनावट भी मौतों का कारण बनी। कुली कैंप क्षेत्र के अध्यक्ष मुन्ना लाल ने बताया कि रैन बसेरा के अंदर खड़ी एक मोटरसाइकिल ने एकमात्र निकास मार्ग अवरुद्ध कर दिया था। उन्होंने कहा, “एक मोटरसाइकिल ठीक वहीं खड़ी थी, जहां लोग सो रहे थे और जब आग वाहन के पेट्रोल टैंक तक पहुंची, तो उसमें विस्फोट हो गया।” मुन्ना ने बताया कि जैसे ही धमाका हुआ, वहां अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने कहा, “वह बाइक वहां होनी ही नहीं चाहिए थी। अगर वह वहां न होती, तो शायद दोनों आदमी समय रहते बच निकलते। केयरटेकर वहां छह साल से काम कर रहा है, फिर भी उसने अपनी गाड़ी एकमात्र प्रवेश और निकास द्वार के ठीक सामने खड़ी कर दी।” मुन्ना ने आरोप लगाया कि केयरटेकर भागने में कामयाब रहा, लेकिन उसने समय रहते दूसरों को खबर नहीं दी। 


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News Editor

Parveen Kumar

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