Uranium in Delhi Groundwater : दिल्ली में पानी को लेकर बना गंभीर खतरा, भूजल में यूरेनियम और जहरीले रसायन मिले

punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 03:54 PM (IST)

नैशनल डैस्क : दिल्ली में पानी को लेकर एक गंभीर खतरे की बात सामने आई है। रोज़ाना पीने और इस्तेमाल करने वाला भूजल अब पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा। केंद्रीय भूमिजल बोर्ड (CGWB) की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के कई हिस्सों के पानी में यूरेनियम, नाइट्रेट, फ्लोराइड, लेड और अत्यधिक नमक जैसे हानिकारक तत्व पाए गए हैं। यह सिर्फ वैज्ञानिक आंकड़े नहीं, बल्कि लोगों की सेहत से जुड़ा बड़ा खतरा है। नई रिपोर्ट से पता चला है कि ग्राउंडवाटर में यूरेनियम बढ़ रहा है जो 13–15 प्रतिशत कुओं का पानी अब सुरक्षित लिमिट से ज़्यादा हो गया है।

कई इलाकों में यूरेनियम की मात्रा बेहद ज़्यादा

रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी से लिए गए कई नमूनों में यूरेनियम की मात्रा सुरक्षित सीमा से कहीं अधिक मिली। यह खतरनाक तत्व धीरे-धीरे शरीर में जमा होता है और गुर्दों, हड्डियों और कई अन्य अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है।परेशानी की बात यह है कि पानी का स्वाद और रंग नहीं बदलता, इसलिए लोग सालों तक यह दूषित पानी बिना जाने पीते रहते हैं।

नाइट्रेट, लेड और फ्लोराइड भी बड़ी चिंता का कारण

- नाइट्रेट: गंदे पानी और खाद मिट्टी में रिसकर आते हैं, जिससे नाइट्रेट बढ़ जाता है।

- फ्लोराइड: ज़्यादा होने पर दाँत और हड्डियाँ कमज़ोर होने लगती हैं।

- लेड (सीसा): बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक; दिमागी विकास को प्रभावित करता है।

- अत्यधिक नमक: पीने योग्य पानी खराब हो जाता है और गुर्दों व पाचन पर दबाव बढ़ता है।

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आख़िर पानी इतना दूषित क्यों हो रहा है?

दिल्ली में बहुत गहराई तक बोरिंग होने लगी है, जिससे ऐसी मिट्टी के हिस्सों का पानी ऊपर आ रहा है जिनमें प्राकृतिक रूप से खनिज और भारी धातुएँ मौजूद रहती हैं। इसके अलावा सीवर लाइनों का रिसाव, गंदे पानी का जमीन में उतरना, रसायनों का गलत निस्तारण और भूजल रिचार्ज की कमी- ये सभी मिलकर पानी की गुणवत्ता को लगातार खराब कर रहे हैं।

कौन लोग सबसे ज़्यादा खतरे में?

वे परिवार जो बोरिंग या हैंडपंप का पानी पीते हैं, सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। खासकर बच्चे, बुज़ुर्ग गर्भवती महिलाएँ और पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोग। दूषित पानी का असर धीरे-धीरे बढ़ता है और कई बार तब पता चलता है जब समस्या गंभीर हो चुकी होती है।

कैसे करें बचाव?

- अपने घर के पानी की लैब टेस्टिंग ज़रूर कराएँ।

- ऐसा वॉटर प्यूरिफायर इस्तेमाल करें जो भारी धातुएँ भी फ़िल्टर कर सके।

- बरसाती पानी को जमीन में उतारने (रिचार्ज) की व्यवस्था बढ़ाएँ, ताकि भविष्य में पानी की गुणवत्ता सुधर सके।

 


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News Editor

Rahul Singh

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