Kalkaji results: रमेश बिधूड़ी शुरुआती रुझानों में आगे, आतिशी पीछे
punjabkesari.in Saturday, Feb 08, 2025 - 08:50 AM (IST)
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नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में आज सुबह से वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी (AAP) की मुख्यमंत्री आतिशी, भाजपा के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। शुरुआती रुझानों में भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने बढ़त बना ली है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) की आतिशी कुछ पीछे चल रही हैं।
कड़ी टक्कर वाली सीट: कालकाजी
कालकाजी सीट को इस बार के चुनाव में एक महत्वपूर्ण और कड़ी टक्कर वाली सीट के रूप में देखा जा रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार 54.59 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो पिछले चुनावों से थोड़ा कम है। इसके बावजूद यह सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। खासतौर पर भाजपा, जो 1993 के बाद से इस सीट को जीतने में सफल नहीं रही है, इस बार इसे जीतने के लिए जोर लगा रही है। भाजपा को उम्मीद है कि उनके उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी इस बार उनका गढ़ वापस ले आएंगे, जबकि आम आदमी पार्टी अपनी लगातार तीसरी जीत की ओर अग्रसर है।
BJP के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी का रिकॉर्ड
BJP के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी एक मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं। तुगलकाबाद से तीन बार विधायक रहे बिधूड़ी ने 2003, 2008 और 2013 में जीत हासिल की थी, जब भाजपा को दिल्ली में चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में दक्षिण दिल्ली से सांसद के तौर पर जीत हासिल की। हालांकि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए टिकट नहीं मिला, लेकिन उनका मजबूत चुनावी रिकॉर्ड और क्षेत्र में प्रभाव उन्हें एक प्रमुख उम्मीदवार बनाता है। भाजपा इस बार कालकाजी सीट को जीतने के लिए बिधूड़ी के ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा कर रही है।
आतिशी दूसरी बार कालकाजी से लड़ रही चुनाव
आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार आतिशी दूसरी बार कालकाजी से चुनाव लड़ रही हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में आतिशी ने लगभग 56,000 वोटों के साथ जीत हासिल की थी और इस बार भी उनकी उम्मीदवारी को लेकर पार्टी में उत्साह है। आतिशी ने दिल्ली की पहली महिला मंत्री के रूप में भी कार्य किया और उनका राजनीतिक कद पार्टी में लगातार बढ़ा है। आम आदमी पार्टी कालकाजी में अपनी लगातार तीसरी जीत की उम्मीद लगाए हुए है, और यह पार्टी के लिए एक अहम सीट साबित हो सकती है। आतिशी की जीत से अगर आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत होती है, तो यह पार्टी की दिल्ली विधानसभा में लगातार तीसरी जीत होगी। 2015 में भी आम आदमी पार्टी ने यहां जीत हासिल की थी, जब अवतार सिंह ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी।
कांग्रेस का पुनरुद्धार की ओर कदम: अलका लांबा
कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में दिल्ली में अपनी वापसी की कोशिश कर रही है। 2015 के बाद से कांग्रेस दिल्ली में कोई भी विधानसभा सीट नहीं जीत सकी है, लेकिन कालकाजी सीट पर कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस की तरफ से अलका लांबा को इस सीट से उतारा गया है। अलका लांबा पहले 1998 से 2013 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं, और अब वे अपनी राजनीति में एक बार फिर से वापसी करने की कोशिश कर रही हैं। लांबा का राजनीतिक करियर कई मोड़ों से गुजर चुका है। वह 1994 से 2014 तक कांग्रेस में रही थीं, बाद में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुईं और 2015 में चांदनी चौक से चुनाव जीता। हालांकि, 2019 में उन्होंने फिर से कांग्रेस जॉइन किया और तब से उन्हें दो चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। कालकाजी में लांबा की जीत न केवल कांग्रेस की दिल्ली विधानसभा में वापसी कराएगी, बल्कि आम आदमी पार्टी के खिलाफ भी एक मजबूत संदेश देगी, खासकर तब जब लांबा ने पार्टी में मतभेदों के बाद कांग्रेस में लौटने का फैसला किया था।
कालकाजी सीट का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
कालकाजी विधानसभा क्षेत्र का इतिहास भी राजनीति के लिहाज से काफी दिलचस्प है। 1993 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्णिमा सेठी ने इस सीट पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद 1998 में कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा ने इस सीट पर कब्जा किया। फिर 2013 में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के हरमीत सिंह कालका ने यह सीट जीती। इसके बाद आम आदमी पार्टी (AAP) का दबदबा इस क्षेत्र में बढ़ा, और 2015 में अवतार सिंह ने इस सीट को जीतने में सफलता प्राप्त की। फिर 2020 में आतिशी ने इस सीट पर विजय हासिल की और आम आदमी पार्टी ने अपनी पकड़ मजबूत की।