जानिए क्‍यों जयललिता का दाह संस्‍कार करने के बजाय दफनाया गया?

punjabkesari.in Tuesday, Dec 06, 2016 - 06:17 PM (IST)

चेन्‍नईः तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने चेन्‍नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार काे रात करीब 11:30 बजे अंतिम सांस ली। मंगलवार काे उनके पार्थिव शरीर काे MGR मैमोरियल मरीना बीच पर सुपुर्दे खाक किया गया। हालांकि, हिंदू होने के नाते उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाजों से किया जाना था। लेकिन, बताया जा रहा है कि जयललिता के अंतिम संस्कार को लेकर एआईएडीएमके नेताओं में भ्रम की स्थिति थी, जिसके बाद पार्टी के उच्च पदाधिकारियों ने तय किया कि जयललिता के शव को पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामाचंद्रन की ही तरह दफनाया जाएगा। उनकी समाधि ठीक उनके बगल में होगी।

नियमित रूप से प्रार्थना करने वाली और माथे पर अक्‍सर आयंगर नमम लगाने वाली जयललिता को दफनाने के फैसले पर एक वरिष्‍ठ सरकारी सचिव ने कहा, वह हमारे लिए आयंगर नहीं थीं। वह किसी जाति और धार्मिक पहचान से परे थीं। यहां तक कि पेरियार, अन्‍ना दुरई और एमजीआर जैसे ज्‍यादातर द्रविड़ नेता दफनाए गए थे और हमारे पास उनके शरीर का दाह-संस्‍कार करने की कोई मिसाल नहीं है। तो, हम उन्‍हें चंदन और गुलाब जल के साथ दफनाते हैं। पूर्व नेताओं को दफनाए जाने से समर्थकों को एक स्‍मारक के तौर पर उन्‍हें याद रखने में सहायता होती है। 


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