भारत में तनावपूर्ण माहौल के बीच जगदीप धनखड़ बोले- भारत वैश्विक शांति में विश्वास रखता है
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 05:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कहा कि भारत हमेशा से ही विश्व शांति, भाईचारे और सबकी भलाई में विश्वास रखता आया है। आज के बहुध्रुवीय विश्व में साझेदार बदलते रहते हैं। दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर 'इंडिया फाउंडेशन' के एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कौटिल्य का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश हमेशा शत्रु होता है और शत्रु का शत्रु मित्र होता है। भारत से बेहतर कौन सा देश इस बात को जानता है। हम हमेशा विश्व शांति, भाईचारे और सबकी भलाई में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि मैंने कहा कि जी-20 के लिए हमारा आदर्श वाक्य 'वसुधैव कुटुम्बकम' पूरी तरह से सच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौटिल्य के दर्शन को अपने व्यवहार में उतारा है।
धनखड़ ने आगे कहा, "कौटिल्य की सोच शासन के हर पहलू शासन कला, सुरक्षा, राजा की भूमिका में आज चुने हुए लोगों के लिए एक तरह से ज्ञान का भंडार है। सत्ता की सीमाएं होती हैं। लोकतंत्र तभी मजबूत होता है, जब हम सत्ता की सीमाओं को ध्यान में रखते हैं। अगर आप कौटिल्य के दर्शन को गहराई से देखेंगे, तो पाएंगे कि यह सब एक ही बात पर केंद्रित है।"
इसके अलावा धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र तब सबसे अच्छे तरीके से विकसित होता है, जब बोलने की आज़ादी और बातचीत एक दूसरे के पूरक होते हैं। इसी से लोकतंत्र बाकी शासन प्रणालियों से अलग होता है। भारत में लोकतंत्र हमारे संविधान के लागू होने या विदेशी शासन से आज़ाद होने के साथ शुरू नहीं हुआ। हम हजारों सालों से एक लोकतांत्रिक राष्ट्र रहे हैं। इस बातचीत और बोलने की आज़ादी को वैदिक संस्कृति में अनंत वाद के रूप में जाना जाता है।