पुणे में लहराए गए ईरानी झंडे, खामेनेई के बैनर से बिगड़ा माहौल, पुलिस ने लिया सख्त एक्शन
punjabkesari.in Tuesday, Jul 01, 2025 - 03:30 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पुणे के बाहरी इलाके लोणी-कालभोर में मुहर्रम के दौरान ईरानी समुदाय द्वारा लगाए गए बैनर विवाद में तब्दील हो गए। इन बैनरों पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और उनके पूर्ववर्ती रूहोल्ला खुमैनी की तस्वीरें लगी थीं। इस मामले की जानकारी आने पर पुलिस और पंचायत ने तुरंत हस्तक्षेप किया।
घटना की पूरी जानकारी
-
पुलिस अधिकारी के अनुसार:“शिकायत मिलने के बाद ही बैनर और झंडे हटा दिए गए। बैनर की सामग्री से कोई समस्या नहीं थी, लेकिन स्थानीय ग्राम पंचायत से अनुमति नहीं मिली थी।”
-
बैनर को धार्मिक (मुहर्रम) आयोजन का हिस्सा बताते हुए आयोजकों ने बताया कि इसका राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय आयाम नहीं है।
क्यों आया विवाद?
-
यह आयोजन शिया समुदाय द्वारा परंपरागत रूप से किया गया था, लेकिन ग्राम पंचायत से पूर्व अनुमति का अभाव रहा।
-
बैनर और झंडे सार्वजनिक जगह—जैसे लोणी-कालभोर स्टेशन के आसपास—बिना अनुमति लगाए गए, जिससे स्थानीय लोगों में अवैध पैमाने पर धार्मिक प्रतीकों का उपयोग समझ बढ़ा।
-
इसलिए पुलिस ने तुरंत अधिकारियों की मौजूदगी में इन्हें हटा दिया ।
इसे क्यों है महत्वपूर्ण?
-
महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी जैसे भोपाल—मुहर्रम जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान विभिन्न धार्मिक झंडे और तस्वीरें जैसे खामेनेई के पोस्टर लगाए गए, लेकिन अनुमति का अभाव उन्हें हटाने का प्रयोजन बन गया।
-
लोकमत और अन्य मीडिया स्रोतों से पता चला कि बैनरों में राजनीतिक संदेश नहीं थे, लेकिन पंचायती अनुमति न मिलने ने इसे विवादित बना दिया।
पुलिस और पंचायत का रुख
-
पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये धार्मिक आयोजन का हिस्सा थे, लेकिन ग्राम पंचायत की अनुमति जरूरी थी।
-
इसका उद्देश्य लोगों को ग़लतफहमी या अफवाहों से दूर रखना और शांति-व्यवस्था बनाए रखना बताया गया।