अब घर बैठे ही UPI से भरें जुर्माना, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शुरू की नई डिजिटल सुविधा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 08:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राजधानी में ट्रैफिक चालान का भुगतान पूरी तरह डिजिटल होगा और इसके लिए यूपीआई (UPI) ऐप्स का इस्तेमाल किया जा सकेगा। लोगों की सुविधा को आसान, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अपनी चालान भुगतान प्रणाली को भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS) से जोड़ने का फैसला किया है।

BBPS से जुड़ा ट्रैफिक चालान सिस्टम

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की इस नई पहल के तहत अब सभी BBPS-सक्षम UPI प्लेटफॉर्म पर ट्रैफिक चालान का भुगतान संभव होगा। इसका मतलब यह है कि Google Pay, PhonePe समेत किसी भी प्रमुख UPI ऐप के जरिए लोग अपना चालान घर बैठे ही भर सकेंगे। इस फैसले से चालान भुगतान की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज हो जाएगी।

क्यों शुरू की गई यह नई व्यवस्था?

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य नकद रहित लेनदेन को बढ़ावा देना, भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और ट्रैफिक प्रशासन को अधिक कुशल बनाना है। अब जिन लोगों का चालान कटेगा, उन्हें भुगतान के लिए ट्रैफिक पुलिस कार्यालय या थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। कुछ ही मिनटों में मोबाइल से भुगतान किया जा सकेगा।

घर बैठे भर सकेंगे चालान

नई व्यवस्था लागू होने के बाद यात्री अपने ट्रैफिक चालान का भुगतान सुरक्षित, सहज और तेज तरीके से कर पाएंगे। इससे न केवल रोजाना होने वाले डिजिटल भुगतानों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि चालान के निपटारे में भी तेजी आएगी। साथ ही, नकद और भौतिक भुगतान के तरीकों पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हो जाएगी।

SBI के साथ हुआ समझौता

इस पहल को लागू करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक मुख्यालय) सत्य वीर कटारा ने इस MoU पर हस्ताक्षर किए। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आने वाले कुछ दिनों में BBPS प्लेटफॉर्म के साथ यह सेवा शुरू कर दी जाएगी।

डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप कदम

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का यह फैसला केंद्र सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन के अनुरूप माना जा रहा है। तकनीक आधारित इस समाधान से न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि जनसेवा वितरण में सुधार लाने की दिशा में पुलिस की प्रतिबद्धता भी और मजबूत होगी।


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News Editor

Parveen Kumar

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