भारतीयों ने ऐसे निकाला ‘ड्रैगन’ का दम

punjabkesari.in Sunday, Oct 23, 2016 - 03:33 PM (IST)

नई दिल्ली: चीनी मीडिया ने हाल ही में भड़काऊ लेख लिख भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की थी। चीन अखबार ग्लोबल टाइम्स के लेख में भारत पर जमकर निशाना साधते हुए कहा गया है कि भारत केवल 'भौंक' सकता है, दोनों देशों के बढ़ते व्यापार घाटे के बारे में कुछ कर नहीं सकता। वहीं इसका जवाब भारत ने कुछ ऐसे दिया है। भारतीय मूर्तिकारों ने इस बार ड्रैगन का दम निकाल दिया है। दिवाली के लिए सजे बाजारों से चीन से आयातित देवी-देवताओं की मूर्तियां यानी ‘गॉड फिगर’ गायब हैं और बाजार में भारतीय मूर्तिकारों द्वारा बनाई गई  मूर्तियां छाई हुई हैं। पिछले कुछ साल से दिवाली पर देवी-देवताओं की मूर्तियां के बाजार पर ‘चीनी सामान’ का दबदबा था।

ग्राहक भी बेहतर फिनिशिंग और कम दामों वाली चीन से आयातित मूर्तियों की मांग करते थे लेकिन इस बार हवा का रुख बदला दिखाई दे रहा है। ग्राहक चीनी माल के बजाए स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहा है। राजधानी के प्रमुख थोक बाजार सदर बाजार के कारोबारियों का कहना है कि इस बार बाजार में चीन से आयातित ‘गॉड फिगर’ की उपस्थिति काफी कम है। भारतीय कारीगरों ने अधिक आकर्षक और बेहतर फिनिशिंग वाली मूर्तियों से बाजार को पाट दिया है जिससे ‘ड्रैगन’ गायब हो गया है। सदर बाजार में पिछले कई दशक से ‘गिफ्ट आइटम’ का कारोबार करने वाले स्टैंडर्ड ट्रेडिंग के सुरेंद्र बजाज बताते हैं, ‘‘इस बार एक अच्छा रख दिखाई दे रहा है। कम से कम देवी-देवताओं की मूर्तियों के बाजार से चीन पूरी तरह गायब है।

ग्राहक भी भारतीय मूर्तियों की मांग कर रहे हैं।’’ बजाज कहते हैं कि इस बार मुख्य रूप से बाजार में दिल्ली के पंखा रोड, बुराड़ी, सुल्तानपुरी, गाजीपुर तथा अन्य इलाकों से मूर्तियां आई हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश का मेरठ भी मूर्तियों का बड़ा केन्द्र है, जहां से मूर्तियां दिल्ली और आसपास के राज्यों में आती हैं। दिल्ली व्यापार संघ के अध्यक्ष देवराज बवेजा बताते हैं कि चीन के विनिर्माता पहले भारतीय बाजार में आकर सर्वे करते हैं और उसके बाद वे सस्ते दामों पर अधिक आकर्षक उत्पाद पेश कर देते हैं।


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