भारतीय नौसेना में शामिल होगा नौसैनिक बेस INS Jatayu, पाक-चीन की हरकतों पर रखी जाएगी नजर

punjabkesari.in Friday, Mar 01, 2024 - 01:49 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के मिनिकॉय आइलैंड पर नए नौसैनिक बेस INS Jatayu की कमीशनिंग करने जा रहा है। इससे भारतीय समुद्री क्षेत्र मजबूत होगा। इसका आयोजन 4 या 5 मार्च को हो सकता है। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शामिल हो सकते हैं। इस नौसैनिक बेस से पाकिस्तान, मालदीव और चीन पर नजर रखी जा सकेगी। साथ ही सोमालियाई समुद्री लुटेरों पर भी एक्शन लेना आसान होगा। इस दौरान INS Vikramaditya और INS Vikrant भी मौजूद रहेंगे, जिनपर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस होने की भी उम्मीद है।


नौसैनिक इस दौरान अपनी क्षमताओं और ताकत का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही सबमरीन और कैरियर बैटल ग्रुप का भी प्रदर्शन किया जाएगा। मिनिकॉय में बने आईएनएस जटायु नौसैनिक बेस से मालदीव की दूरी मात्र 524 km है।


अगाती आइलैंड का एयरस्ट्रिप भी अपग्रेड होगा


भारत अगाती आइलैंड पर मौजूद एयरस्ट्रिप को अपग्रेड करने जा रही है। ताकि उसका इस्तेमाल फाइटर जेट्स और भारी विमानों के संचालन के लिए किया जा सके। साथ ही मालदीव, पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर सीधी नजर रखी जा सके। उद्घाटन के दौरान रक्षा मंत्री दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर की सवारी भी करेंगे। असल में लक्षद्वीप और मिनिकॉय आइलैंड नौ डिग्री चैनल पर हैं, जहां से हर साल लाखों-करोड़ों डॉलर्स का व्यवसाय होता है। यह उत्तरी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच का रास्ता है।


विक्रमादित्य-विक्रांत के साथ आएंगे 15 युद्धपोत


जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आईएनएस विक्रमादित्य या विक्रांत पर सवार होकर मिनिकॉय द्वीप के लिए निकलेंगे, तब उनके साथ 15 और जंगी जहाज होंगे। इससे पूरी दुनिया को भारत की नौसैनिक ताकत का पता लगेगा। मालदीव और चीन जैसे देशों को सख्त संदेश जाएगा।


मिनिकॉय पर नया एयरस्ट्रिप, अगाती पर अपग्रेडेशन


इतना ही नहीं भारत सरकार ने मिनिकॉय पर एयरस्ट्रिप बनाने का फैसला भी किया है। अगाती आइलैंड की एयरस्ट्रिप को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि भारतीय सेनाएं हिंद और अरब महासागर में शांति स्थापित कर सकें। इसके अलावा इंडो-पैसिफिक रीजन में समुद्री सुरक्षा को बरकरार रख सके।


समुद्री सीमा होगी सुरक्षित, पर्यटन को बढ़ावा


भारत सरकार ने अभी अंडमान और निकोबार आइलैंड के कैंपबेल खाड़ी में नई फैसिलिटी बनाई है। इस फैसिलिटी का इस्तेमाल सेना कर रही है। पूर्व में अंडमान और पश्चिम में लक्षद्वीप पर मजबूत तैनाती से भारत की समुद्री सीमा सुरक्षित रहेगी। साथ ही दोनों द्वीप समूहों पर घूमते सयम पर्यटन भी सुरक्षित महसूस करेंगे।


इन दो बड़े समुद्री मार्गों पर नजर रखेगा नौसैनिक बेस


मिनिकॉय में नौसैनिक बेस बनने से आसपास चीन की नौसेना जो हरकत करती है। उस पर विराम लगेगा। साथ ही जो व्यवसायिक जहाज सुएज कैनाल और पारस की खाड़ी की तरफ जाते हैं। उन्हें 9 डिग्री चैनल यानी लक्षद्वीप और मिनिकॉय वाले रूट से जाना होता है। किसी जहाज को सुंदा और लोंबक की खाड़ी की तरफ जाना है तो उसे दस डिग्री चैनल यानी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास से गुजरना होगा। ऐसे में दोनों जगहों पर मजबूत सुरक्षा और निगरानी दस्ता होना चाहिए, जो जरूरत पड़ने पर दुश्मन को मुंहतोड़ जबाव दे सके। साथ ही आसपास के इलाके में शांति बनाए रखे। 
 


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Content Editor

Parminder Kaur

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