भारत नौसेना में शामिल कर रहा ताकतवर हथियार, उड़ जाएगी पाकिस्तान की नींद

punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 03:40 PM (IST)

International Desk: पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, भारत ने अपनी नौसेना को एक और ताकतवर हथियार प्रदान किया है। रूस से मिल रहे नए युद्धपोत INS तमाल के साथ भारतीय नौसेना अपनी समुद्री ताकत में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि करने जा रही है। यह अत्याधुनिक युद्धपोत पाकिस्तान के लिए एक नया सुरक्षा खतरा बन सकता है, क्योंकि यह भारतीय समुद्री सीमाओं में स्थिति को और सशक्त करेगा। INS तमाल, जो एक मल्टी-रोल गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है, पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना की रणनीतिक पहुंच को नया आयाम देने वाला है।
 
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नौसेना को एक और ताकतवर हथियार मिल रहा है। रूस से जल्द ही भारतीय नौसेना को एक अत्याधुनिक युद्धपोत INS तमाल मिलेगा, जो समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भारत की ताकत को और बढ़ा देगा। यह युद्धपोत भारत और रूस के बीच 2016 में हुए एक समझौते का हिस्सा है, जिसमें कुल 4 युद्धपोत बनाए जा रहे हैं। रूस के यांतर शिपयार्ड में तैयार हो रहे INS तमाल को 28 मई 2025 को भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा और इसे जून 2025 में औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा।

 

जानिए INS तमाल की विशेषताएं

मल्टी-रोल गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट 
 INS तमाल एक गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट है, जिसे विभिन्न प्रकार के हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पानी, हवा और सतह पर एकसाथ हमला करने में सक्षम है। इसका मुख्य उद्देश्य समुद्र में भारतीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना है।

 

आधुनिक हथियारों से लैस 
INS तमाल को ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल से लैस किया गया है, जो इसका प्रमुख हमला हथियार होगा। इसके अलावा, युद्धपोत में टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट्स भी मौजूद हैं, जो इसे दुश्मन की पनडुब्बियों और अन्य समुद्री खतरों से निपटने के लिए सक्षम बनाते हैं।

 

गति और रेंज 
INS तमाल की गति 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे (लगभग 55 किलोमीटर प्रति घंटा) है, जिससे यह त्वरित गति से किसी भी दुश्मन पर हमला करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, यह 3,900 टन वजन का है और एक बार में 3,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।

 

हेलीकॉप्टर तैनाती 
इस युद्धपोत में मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर की तैनाती की जा सकती है, जो समुद्री इलाके में निगरानी और युद्ध अभियानों में मदद करेगा। यह क्षमता युद्धपोत को और भी घातक बना देती है क्योंकि हेलीकॉप्टर तटीय इलाकों में सटीक जानकारी और हमले प्रदान करने में सक्षम होंगे।

 

अंतिम इंपोर्टेड वॉरशिप 
INS तमाल भारत का आखिरी इंपोर्टेड युद्धपोत माना जा रहा है, क्योंकि इसके बाद भारत अपनी स्वदेशी निर्माण क्षमता को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने वाला है। भारत अब युद्धपोतों को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित करने पर जोर दे रहा है। INS तमाल भारत का दूसरा युद्धपोत होगा जो तलवार क्लास फ्रिगेट में शामिल है, जिसमें पहले से INS तुशील सहित छह युद्धपोत भारतीय नौसेना का हिस्सा हैं।

 

भारत के लिए रणनीतिक महत्त्व 
INS तमाल भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह युद्धपोत भारतीय समुद्री सुरक्षा को सशक्त करेगा और भारत को अपने पड़ोसियों के खिलाफ समुद्र में एक मजबूत स्थिति देगा। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच यह युद्धपोत भारतीय सेना के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में कार्य करेगा।भारत और पाकिस्तान के बीच जल-सीमा विवाद और आतंकवादी हमलों के बाद भारत के सैन्य बलों को अपनी शक्ति में वृद्धि की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इस बीच, भारत की नौसेना को INS तमाल के रूप में एक अत्याधुनिक युद्धपोत मिलने से भारतीय सेना के पास एक नया और प्रभावी हथियार होगा।

 

भारत की स्वदेशी निर्माण दिशा 
INS तमाल, तलवार क्लास का दूसरा युद्धपोत है और भारत की नौसेना के लिए इसका ऐतिहासिक महत्त्व है। 2003 से भारतीय नौसेना में तलवार क्लास के छह युद्धपोत सेवा में हैं। INS तमाल के साथ भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी, लेकिन इसके बाद भारत अपनी स्वदेशी निर्माण क्षमता को प्राथमिकता देने की योजना बना रहा है। भारतीय नौसेना ने स्पष्ट किया है कि INS तमाल के बाद किसी अन्य विदेशी युद्धपोत को खरीदने का कोई इरादा नहीं है। भारत अब स्वदेशी युद्धपोतों के निर्माण पर जोर दे रहा है और इसके लिए कई परियोजनाएं भी चल रही हैं।


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Content Writer

Tanuja

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