देश के 40% मुख्यमंत्रियों के खिलाफ दर्ज है आपराधिक मामलें, इस लिस्ट में कौन-कौन है शामिल, जानिए

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 02:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क : एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच की नई रिपोर्ट के अनुसार, देश के 40 फीसदी मुख्यमंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। रिपोर्ट में राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी 30 वर्तमान मुख्यमंत्रियों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया। इसमें पाया गया कि 12 मुख्यमंत्रियों (40%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

10 मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 10 मुख्यमंत्रियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, अपहरण, रिश्वतखोरी और आपराधिक धमकी जैसे गंभीर अपराधों के आरोप हैं। इनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी 89 मामलों के साथ शीर्ष पर हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन हैं, जिनके खिलाफ 47 मामले दर्ज हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ 19 मामले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ 13 मामले, और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ 5 मामले दर्ज हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने चार-चार मामले घोषित किए हैं। वहीं, केरल के पिनाराई विजयन पर दो और पंजाब के भगवंत मान पर एक मामला दर्ज है।

केंद्र सरकार का संविधान संशोधन बिल
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद में तीन विधेयक पेश किए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को स्वतः पद से हटाने की व्यवस्था की गई है। यदि वे कम से कम पांच साल की जेल की सजा वाले आरोपों में 30 दिन या उससे अधिक समय तक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा सकेगा।

सरकार ने इस कदम को राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिए आवश्यक बताया है। वहीं, विपक्ष ने इसे गैर-भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर करने की कोशिश करार दिया है। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स पर कहा कि विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे अच्छा तरीका है पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने के लिए उकसाना और चुनावी रूप से हारने के बाद भी मनमाने ढंग से उन्हें हटाना।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Shubham Anand

Related News