FPI Investment: जब भारत पाकिस्तान के घमंड को तोड़ रहा था, तब India के खजाने में आए ₹14,167 करोड़
punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 03:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक तरफ सीमा पर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव था, दूसरी ओर विदेशी निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे थे। जहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी सैन्य कार्रवाई की आहट से दुनिया सांस रोके बैठी थी, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारत के शेयर बाजार में बड़ा दांव खेला – और वह भी तब, जब बाकी उभरते बाजारों से पैसा बाहर जा रहा था।
तनाव के बीच विदेशी निवेशकों ने जताया भरोसा
मई के पहले कुछ ही हफ्तों में FPI ने भारतीय शेयर बाजार में ₹14,167 करोड़ का निवेश किया है। ये आंकड़े तब के हैं जब पाकिस्तान के साथ सीमा पर सैन्य तनाव अपने चरम पर था। निवेशकों का यह आत्मविश्वास भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद, संतुलित राजकोषीय नीति और बढ़ती जीडीपी पर आधारित है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही यह भरोसा एक बड़ी जीत की तरह देखा जा रहा है।
मार्च तक निकासी, अप्रैल-मई में फिर से एंट्री
जहां जनवरी से मार्च तक विदेशी निवेशकों ने करीब ₹98,000 करोड़ की निकासी की थी, वहीं अप्रैल में ये ट्रेंड पलट गया। अप्रैल में FPI ने ₹4,223 करोड़ का निवेश किया और मई की शुरुआत में ही ये आंकड़ा ₹14 हजार करोड़ के पार पहुंच गया।
सिर्फ इक्विटी नहीं, बांड से भी निकाला पैसा
हालांकि शेयरों में निवेश जारी है, लेकिन बॉन्ड मार्केट में एफपीआई ने कुछ हद तक पैसे निकाले हैं। समीक्षाधीन अवधि में बॉन्ड से ₹3,725 करोड़ निकाले गए, जबकि स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से ₹1,160 करोड़ का निवेश किया गया।
क्यों बढ़ रहा है विदेशी निवेश?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की मजबूत आर्थिक ग्रोथ, घटती महंगाई, और ब्याज दरों में संभावित कटौती जैसे फैक्टर विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं।
इसके अलावा:
-
अमेरिकी डॉलर में कमजोरी
-
भारतीय रुपये में स्थिरता
-
भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की संभावनाएं
-
भारतीय कंपनियों के मजबूत क्वार्टरली नतीजे
इन सभी वजहों से निवेशक भारत को safe haven मान रहे हैं।
एक दिन की बेचैनी, फिर वापसी
हालांकि 9 मई को भारत-पाक के बीच तनाव गहराने पर FPI ने करीब ₹3,798 करोड़ के शेयर बेचे, लेकिन उसके बाद भी उनकी खरीदारी का सिलसिला फिर शुरू हो गया।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के वी.के. विजयकुमार के मुताबिक, सिर्फ 16 कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने करीब ₹48,500 करोड़ की नेट खरीदारी की है – जो बताता है कि बाज़ार को लेकर उनका भरोसा कितना मजबूत है।