भारत का Light "जोरावर टैंक" बनेगा चीन का काल; पहली झलक आई सामने, जानें सेना में कब होगा शामिल (Video)
punjabkesari.in Sunday, Jul 07, 2024 - 02:36 PM (IST)
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इंटरनेशनल डेस्कः भारत का जोरावर टैंक जल्द ही सेना में शामिल होगा जो चीन का काल बन सकता है। जोरावर लाइट वेट टैंक है, जिसे भारतीय सेना को लद्दाख जैसे हाई एल्टीट्यूड इलाकों में बेहतर क्षमता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका वजन सिर्फ़ 25 टन है, जो टी-90 जैसे भारी टैंकों के वजन का आधा है, जिससे यह मुश्किल पहाड़ी इलाकों में काम कर सकता है, जहां बड़े टैंक नहीं पहुंच सकते। इसका नाम 19वीं सदी के डोगरा जनरल ज़ोरावर सिंह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत में सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया था। हाई एल्टीट्यूड इलाकों के लिए लंबे समय से सेना में हल्के टैंकों की जरूरत महसूस की जा रही थी। जल्द ही वह वक्त आएगा जब लाइट वेट टैंक जोरावर भारतीय सेना में शामिल हो जाएंगे।
India’s Indigenous light tank ‘Zorawar’ unveiled, fastest product development by DRDO, L&T
— DD News (@DDNewslive) July 6, 2024
As per DRDO chief Dr Kamat, the tank is expected to be inducted into the Indian Army by the year 2027 after all trials@DRDO_India #Zorawar pic.twitter.com/XBB8cnxqlE
साल 2020 में में चीन के साथ गलवान में हुई खूनी भिड़ंत के बाद भारतीय सेना को ऊंचे पहाड़ी इलाकों के लिए लाइट टैंक की आवश्यकता थी। उस समय चीन ने अपने कब्जे वाले तिब्बत से सटे लद्दाख बॉर्डर पर ZTQ टी-15 लाइट टैंक तैनात कर दिए थे। जिसके बाद भारत को भी ऐसे हल्के टैंक चाहिए थे। लेकिन भारत को टी-72 जैसे भारी टैंक तैनात करने पड़े थे। भारतीय सेना ने करीब 200 टैंकों को हवाई मार्ग से लद्दाख पहुंचाया था। शनिवार को DRDO ने गुजरात के हजीरा में अपने लाइट बैटल टैंक जोरावर एलटी की झलक दिखाई। DRDO ने इस टैंक को लार्सन एंड टूब्रो के साथ मिल कर तैयार किया है।
वहीं, शनिवार को DRDO के चीफ डॉ. समीर वी कामत ने इस टैंक का जायजा लिया। खास बात यह है कि इस टैंक को रिकॉर्ड दो सालों में तैयार किया गया है। जल्द ही लद्दाख में इसके ट्रायल शुरू किए जाएंगे, जिनके अगले 12-18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। खास बात यह है कि भारत अब डिफेंस इक्विमेंट्स के मामले में आत्मनिर्भर हो रहा है। भारत अब अपने रक्षा उपकरण खुद बना रहा है। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. कामत ने उम्मीद जताई कि सभी परीक्षणों के बाद इस टैंक को वर्ष 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किए जा सकता है।