हवा से आएगी कहर बनकर, भारत के इस हाइपरसोनिक मिसाइल से थरथराएंगे चीन और पाकिस्तान
punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 05:36 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की रक्षा शक्ति अब एक और ऊंचाई पर पहुंचने वाली है। DRDO यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने रुद्रम सीरीज की मिसाइलों पर तेज़ी से काम शुरू कर दिया है। इन मिसाइलों की खास बात यह है कि ये दुश्मन की धरती पर बैठे-बैठे उसके रडार, बंकर और कम्युनिकेशन सिस्टम को सटीक निशाना बनाकर खत्म कर सकती हैं। रुद्रम-2, रुद्रम-3 और रुद्रम-4 – ये तीनों मिसाइलें भारत की नई रणनीतिक शक्ति बनकर उभर रही हैं। खासतौर पर रुद्रम-4, जो भारत की सबसे एडवांस और लंबी दूरी की मिसाइल बनने जा रही है, इसे देखकर चीन और पाकिस्तान की चिंता वाजिब है।
क्या है रुद्रम सीरीज?
रुद्रम मिसाइलें "एंटी-रेडिएशन मिसाइलें" हैं। इनका मुख्य काम होता है दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम यानी रडार, सिग्नल स्टेशन और कम्युनिकेशन हब को पूरी तरह तबाह करना। जैसे ही कोई दुश्मन रेडियो या रडार सिग्नल भेजता है, ये मिसाइलें उस लोकेशन को पकड़ लेती हैं और सीधे वहीं वार करती हैं।
रुद्रम-2: पहले टेस्ट में मिली बड़ी सफलता
मई 2024 में ओडिशा के तट पर सुखोई-30MKI से रुद्रम-2 का सफल परीक्षण किया गया। यह मिसाइल रूसी Kh-31 की जगह लेने जा रही है और इसे जल्द ही वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। इसमें पैसिव होमिंग सिस्टम लगा है जो 100 किमी से ज्यादा दूरी से दुश्मन के रेडियो सिग्नल पकड़ सकता है। इसका मतलब यह है कि जैसे ही कोई रडार चालू होगा, रुद्रम-2 उसकी ओर तेजी से बढ़ेगा और टारगेट को खत्म कर देगा।
रुद्रम-3: हाई-स्पीड और हाई-टेक
रुद्रम-3 की रेंज 550 किमी तक मानी जा रही है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल है यानी इसकी रफ्तार Mach 5 (ध्वनि से पांच गुना) से भी ज्यादा हो सकती है। इसे 2026 तक भारतीय सेना में लाया जा सकता है। इसमें डुअल-सीकर टेक्नोलॉजी होगी, जिससे यह एक साथ दो तरह के टारगेट को पहचान सकती है – जैसे रडार और संचार केंद्र। इसके साथ ही इसका एक वेरिएंट 200 किलो के पेनिट्रेटर वॉरहेड के साथ आएगा, जो जमीन के अंदर छिपे बंकरों को भी उड़ा सकता है। इसका सेमी-बैलिस्टिक फ्लाइट पैटर्न इसे दुश्मन के रडार से बचने और अचानक हमला करने में सक्षम बनाता है।
रुद्रम-4: सबसे एडवांस और सबसे खतरनाक
2025 की शुरुआत में रुद्रम-4 पर काम शुरू हो चुका है। यह सबसोनिक क्रूज मिसाइल होगी यानी यह रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन की सीमा में गहराई तक घुस सकती है। इसकी रेंज 300 किमी से बढ़ाकर अब 1000 किमी से अधिक मानी जा रही है। इसका डिजाइन ऐसा है कि यह लंबे समय तक हवा में उड़कर दुश्मन के भीतर तक पहुंच सकती है और तबाही मचा सकती है। रुद्रम-4 को खास इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि यह दुश्मन के एयर डिफेंस नेटवर्क को चकमा देकर सबसे अहम टारगेट पर हमला कर सके। इसका उपयोग दुश्मन की कमांड पोस्ट, कंट्रोल रूम और महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह करने में किया जाएगा।
किसके लिए क्यों है खौफनाक?
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पाकिस्तान के सीमावर्ती रडार स्टेशन और एयर डिफेंस पोस्ट इससे कहीं भी निशाने पर आ सकते हैं
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चीन की अंदरूनी रक्षा लाइनों और संचार केंद्रों को इससे खतरा है
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इससे भारत बिना सीमा पार किए भी दुश्मन के रणनीतिक ढांचे को तबाह कर सकता है
क्या हैं तकनीकी खूबियां?
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GPS और INS आधारित नेविगेशन सिस्टम – जिससे हर हाल में सटीक हमला
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16 कंट्रोल सरफेस – ज्यादा स्पीड पर भी दिशा बदलने में सक्षम
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कम ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता – जिससे रडार की पकड़ में आने से बचे
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हाई-टेक सीकिंग सिस्टम – टारगेट पर लॉक करते ही अचूक वार