भारत की एयरोस्पेस वर्ल्ड में नई उड़ान: एरो इंडिया के जरिए दुनिया में मचाएगा धमाल !

punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2025 - 04:03 PM (IST)

International Desk: भारत का विमानन क्षेत्र अब सिर्फ संभावनाओं तक सीमित नहीं रह गया है। एरो इंडिया 2023 ने इसे पूरी दुनिया के सामने एक वास्तविकता के रूप में प्रस्तुत किया। एरो इंडिया, जो बेंगलुरु के येलहंका एयरफोर्स स्टेशन में हर दो साल में आयोजित होता है, अब एशिया की प्रमुख एयरोस्पेस प्रदर्शनी के रूप में उभरा है, जहां भारत ने अपनी वृद्धि और महत्वाकांक्षाओं का प्रदर्शन किया। एरो इंडिया ने इस क्षेत्र की संभावनाओं और प्रगति को पूरी दुनिया के सामने रखा है। एरो इंडिया न केवल भारत के विमानन और रक्षा उद्योग का एक शानदार प्रदर्शन है, बल्कि यह भारत के वैश्विक विमानन और रक्षा प्रमुख बनने की ओर अग्रसर होने का एक प्रतीक भी है।


एरो इंडिया का ऐतिहासिक सफर 
1996 में अपनी शुरुआत के बाद से एरो इंडिया ने लंबा सफर तय किया है। शुरुआत में यह एक छोटा सा प्रदर्शनी था, लेकिन समय के साथ इसने आकार लिया और अब यह दुनिया के प्रमुख एयरोस्पेस इवेंट्स में से एक बन चुका है। 2023 के संस्करण ने न केवल भारत की विमानन क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि ग्लोबल साझेदारी और प्रौद्योगिकियों में निवेश को भी बढ़ावा दिया। 

 

 भारत की महत्वाकांक्षाएं और वैश्विक साझेदारियां 
2023 में एरो इंडिया ने 700,000 से अधिक दर्शकों का स्वागत किया, और 98 देशों से dignitaries (उच्च अधिकारी) ने इस आयोजन में भाग लिया। इस संस्करण में 800 से अधिक प्रदर्शकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसमें स्टार्टअप्स, MSMEs, व्यवसाय, और निवेशक शामिल थे। इसके साथ ही, 250 से अधिक साझेदारियों का हस्ताक्षर हुआ, जिसमें 200 से अधिक MoUs (समझौते) शामिल थे। 

 

स्वदेशी विमान और रक्षा प्रौद्योगिकी 
एरो इंडिया के मंच पर भारत के स्वदेशी विमान और रक्षा प्रौद्योगिकियों का भी बड़ा प्रदर्शन हुआ। इनमें भारतीय लड़ाकू विमान 'तेजस', 'एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट' (AMCA) और ड्रोन (UAVs) जैसे उपकरण शामिल थे, जो भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा विकसित किए गए थे। यह आयोजन भारत की बढ़ती रक्षा उत्पादन क्षमता और दुनिया भर के देशों के साथ साझेदारी के लिए एक मजबूत संकेत था। 

 

 मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा
एरो इंडिया 2023 का आयोजन भारत के 'मेक इन इंडिया' अभियान को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा मंच साबित हुआ। इस अभियान के तहत भारत में रक्षा और विमानन उद्योगों में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने अपनी रक्षा निर्यातों को बढ़ाते हुए 2023-24 में इसे 210.8 बिलियन रुपये तक पहुंचाया। पिछले दस वर्षों में रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि देखी गई है। 

 

भारत का निजी विमानन उद्योग और वैश्विक स्थान 
एरो इंडिया ने भारत के निजी विमानन उद्योग की वृद्धि को भी उजागर किया। कंपनियों जैसे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, महिंद्रा एयरोस्पेस और एलएंडटी ने अपनी भूमिका निभाई है, न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा किया बल्कि वैश्विक बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 

 

विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) पर ध्यान 
भारत का विमानन क्षेत्र अब विमान रखरखाव, मgरम्मत और ओवरहाल (MRO) सेवाओं पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। वैश्विक MRO बाजार के 2025 तक $95 बिलियन तक पहुंचने की संभावना जताई गई है, और भारत इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने का लक्ष्य रखता है। एरो इंडिया ने भारत की तत्परता को प्रदर्शित किया है, जो उच्च गुणवत्ता वाली MRO सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार है। 

 

अर्थव्यवस्था में योगदान 
एरो इंडिया का आयोजन न केवल विमानन और रक्षा उद्योग के लिए, बल्कि भारत की समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस आयोजन ने बेंगलुरु के हॉस्पिटैलिटी, परिवहन और सेवा क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न किया। एरो इंडिया ने भारत को वैश्विक एयरोस्पेस हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। 
 
 


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Content Writer

Tanuja

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